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मध्यप्रदेशःभारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मंत्री-मंडल का शोक प्रस्ताव

atal 2 मध्यप्रदेशःभारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मंत्री-मंडल का शोक प्रस्ताव

राज्य मंत्रि-मंडल ने ग्वालियर में जन्में  सूबे की माटी के सपूत और देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करता है। उनके निधन से मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की अपूरणीय क्षति हुई है। मध्यप्रदेश से उन्हें विशेष लगाव था। अटल जी ने मध्यप्रदेश का गौरव पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में बढ़ाया। मध्यप्रदेश को उन पर गर्व है। उन्होंने देश की राजनीति को नई दिशा देते हुए नए मूल्य और आदर्श स्थापित किए।

 

मध्यप्रदेशःभारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मंत्री-मंडल का शोक प्रस्ताव
मध्यप्रदेशःभारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मंत्री-मंडल का शोक प्रस्ताव

अटल कुछ समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े रहे

आपको बता दें कि 25 दिसम्बर, 1924 को ग्वालियर में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसका नाम उन्होंने अटल बिहारी रखा। वाजपेयी जी की अपनी शिक्षा ग्वालियर एवं कानपुर से पूरी की। बाद में वह कुछ समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े रहे। अटल जी ने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पांचजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ जैसे समाचार-पत्रों का संपादन भी किया। प्रारम्भ में उन्होंने ‘आर्य समाज’ और बाद में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के में से जुड़े रहे । इसके बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया।

भारत-जापान के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक मंत्रिस्तरीय बैठक का संयुक्त प्रेस कथन

वर्ष 1975 से 1977 तक उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया

वाजपेयी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया तथा ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान जेल भी गए। वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बाद में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष बने। उन्होंने संसदीय दल के नेता और फिर प्रधानमंत्री के रूप में चिरस्मरणीय योगदान दिया।आपको बता दें कि वाजपेयी लोकसभा के लिए दस बार तथा राज्यसभा के लिए दो बार निर्वाचित हुए। वर्ष 1975 से 1977 तक उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया। जिसके कारण उन्हें जेल की यातना भी सहनी पड़ी।

सन् 1998-99 में दूसरी बार और 1999 से 2004 तक दुबारा प्रधानमंत्री का पद सुशोभित किया

लम्बे समय तक नेता-विरोधी दल रहने के उपरान्त वे मई, 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने। सन् 1998-99 में दूसरी बार और 1999 से 2004 तक दुबारा प्रधानमंत्री का पद सुशोभित किया।जननायक और युगपुरूष अटल बिहारी वाजपेयी मन, कर्म और वचन से राष्ट्र के प्रति पूरी तरह से समर्पित राजनेता थे। राजनीति में उनके विरोधी कोई नहीं थे, प्रतिद्वंदी जरूर थे। मध्यप्रदेश हो या देश या विदेश, अपनी पार्टी हो या विरोधी दल सभी उनकी प्रतिभा के कायल थे।इस अर्थ में अटल अजातशत्रु थे। उनकी वाणी पर साक्षात् सरस्वती विराजमान थी।

मध्यप्रदेश मंत्री-मंडल ने अटल बिहारी वाजपेयी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है

अपनी वक्तृत्व क्षमता के कारण उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया।मध्यप्रदेश मंत्री-मंडल ने अटल बिहारी वाजपेयी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी तथा संपूर्ण राज्य की ओर से हार्दिक संवेदनाएं अभिव्यक्त की हैं। साथ ही कृतज्ञ मध्यप्रदेश की और से मंत्री–मंडल ने अटल को शत्-शत् नमन किया है।

महेश कुमार यदुवंशी 

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