नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण को लेकर चुनाव प्रचार थम गया है। 18 अप्रैल को दूसरे फेज में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। जिन लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है उनमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु की 39 और कर्नाटक की 14 सीटें हैं। इनके अलावा उत्तर प्रदेश की 8, बिहार की 5, महाराष्ट्र की 10, ओडिशा की 5, असम की 5, छत्तीसगढ़ की तीन, पश्चिम बंगाल की तीन, जम्म कश्मीर की 2, मणिपुर की 1, त्रिपुरा की 1 औऱ पुडुचेरी की 1 लोकसभा सीट पर गुरुवार को वोटिंग होगी।
इस फेज में यूपी से हेमा मालिनी, राज बब्बर व एसपी सिंह बघेल, वहीं तमिलनाडु में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति, कनिमोझी, कर्नाटक से वीरप्पा मोइली जैसे कई वीवीआईपी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। तमिलनाडु की सभी 39 सीटें पर एक ही चरण में चुनाव हो रहा है तमिलनाडु की सभी 39 सीटें पर एक ही चरण में चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में सत्ताधारी एआईएडीएमके (AIADMK) के सामने अम्मा के बगैर पार्टी की साख बचाए रखने की चुनौती है। वहीं विपक्षी डीएमके (DMK) के सामने करुणानिधि के बगैर अपना सियासी दबदबा फिर से हासिल करने का चैलेंज है।
पिछले लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके (AIADMK) ने 39 में से 37 सीटें जीत ली थीं, तो डीएमके (DMK)का खाता भी नहीं खुल पाया था। तमिलनाडु में कनिमोझी, वीरासामी(कालानिधि मारन का बेटा), ए. राजा और दयानिधि मारन समेत कई बड़े दिग्गज मैदान में होंगे। वहीं अगर बात कर्नाटक की सभी 14 सीटों की करें तो यहां पर दूसरे चरण में चुनाव हो रहा है। 18 अप्रैल को होने वाले चुनाव में वीरप्पा मोइली, तेजस्वी सूर्या, सदानंद गौड़ा, एचडी देवगौड़ा औऱ कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी की किस्मत का फैसला होगा। यूपी में दूसरे चरण की आठ सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान यूपी में दूसरे चरण की आठ सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होना है।
इस चरण में नगीना, अमरोहा , बुलंदशहर , अलीगढ़, हाथरस , मथुरा, आगरा और फतेहपुर सीकरी में वोटिंग होनी है। अगर इस चरण वीवीआईपी उम्मीदवारों की बात करें तो मथुरा से हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से राज बब्बर, आगरा से एसपी सिंह बघेल, अमरोहा से कुंवर दानिश अली समेत कई बड़े चेहरों की किस्मत का फैसला होना है। दूसरे चरण की सभी आठ सीटों पर 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस बार बीजेपी ने इन सीटों पर कई मौजूदा सांसदों के टिकटों को या दो बदला या या फिर उनकी जगह पर नए उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।