नई दिल्ली। देश के चर्चित चारा घोटाला मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत शनिवार को फैसला सुनाएगी। कोर्ट के कल होने वाले फैसले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। पहले से ही बेनामी संपत्ति के मामले में कभी ईडी, तो कभी सीबीआई की जांच झेल रहे लालू के लिए शानिवार को आने वाले फैसला अपने साथ नई मुसीबत लेकर आ सकता है। आपको बता दें कि साल 1990 से 94 के बीच में बिहार का ये चर्चित चारा घोटाला हुआ था। 21 साल बीत जाने के बाद इस मामले में फैसला आने वाला है।
चारा घोटाले की बात करें तो फर्जी बिल के जरिए हुई करोड़ो की निकासी के मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर साजिश रचकर घोटालेबाजों को सहयोग करने का आरोप लगा हुआ है। लालू के सहयोग के कारण ही देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपये निकासी करने में घोटालेबाज सफल हो गए थे। इस मामले में हद तो तब हो गई थी जब निगरानी,पीएसी और सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद भी सरकार ने ट्रेजरी से जारी फर्जी निकासी को रोक नहीं पाई। राजनीतिज्ञों की माने तो शनिवार को आने वाले फैसले लालू के राजनीतिक जीवन को जरुर प्रभावित करेगा।
बता दें कि इस मामले में लालू प्रसाद पर आईपीसी की धारा 418, 420, 467, 468 ,477A , 409, 201 और 511 के अलावा प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के 13(1)D के तहत मुकदमा चल रहा है। लालू के अलावा जिन आरोपियों पर फैसला होना है उनमें डॉ जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सासंद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद डॉ आरके राणा,बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी अध्यक्ष ध्रुव भगत शामिल है। इसके साथ ही इस घोटाले में खई आइएएस अधिकारियों और पशुपालन अधिकारियों के नाम भी शामिल है।