नई दिल्ली। बीते माह बुलंदशहर से एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें कुछ लोग एक महिला पुलिस अधिकारी से इस बात की बहस कर रहे थे, कि उनकी गाड़ी का चालान क्यूं काटा गया। इसके साथ ही वो पुलिस पर चालान के एवज में रिश्वत लेने का आरोप भी लगा रहे थे। इस पूरे मामले में वहां पर तैनात महिला सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने कार्रवाई करते हुए भाजपा के जिलापंचायत सदस्य की गाड़ी का चालान काट दिया था। क्योंकि भाजपा नेता यातायात का उल्लघंन कर गाड़ी चला रहे थे। इसके बाद स्थानीय नेताओं ने महिला अधिकारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें सीओ श्रेष्ठा ठाकुर साफ तौर पर नेताओं को नसीहत देती नजर आ रही हैं। वे इस वीडियो में कह रही हैं कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। नियम-कानून तोड़ने वालों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा। इसके बाद भाजपा नेता ने महिला अफसर को पद से हटवाने तक की चेतानवी दे दी थी। अब बीते शनिवार को पूरे प्रदेश में 244 डिप्टी एसपी के तबादले हुए हैं। इसके साथ ही 44 आईएएस और 6 पीसीएस अफसरों का भी तबादला कर दिया गया है। इसी तबादले की गाज महिला अधिकारी पर भी पड़ी है।
लेडी सिंघम के तौर पर बुलंदशहर में विख्यात इस महिला पुलिस अधिकारी को योगी सरकार में बुलंदशहर से बहराइच भेज दिया गया है। इसी साल बीते 23 जून को महिला अधिकारी ने भाजपा के स्थानीय नेताओं की गाडियों का चालान किया था। इसके बाद स्थानीय नेता जमकर हंगामा काटा था। श्रेष्ठा ने जिला पंचायत सदस्या प्रवेश देवी के पति प्रमोद लोधी को बिना हेलमेट और कागज के बाइक चलाते पकड़ा था। जिसके बाद वो उनका चालान कर रही थीं। इससे आग बबूला होकर नेता ने उनसे बदसलूकी करने की कोशिश को तो उन्होने उसे सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया था।