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छत्तीसगढ़ में कोविड-19 की जांच के लिए लैब को ढाई करोड़ की मंजूरी, लेकिन कहां बनेगी लैब ये तय नहीं 

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बिलासपुर। कोरोना को हराने के लिए सबसे जरूरी है- ज्यादा से ज्यादा जांच। इसके लिए विशेष लैब की जरूरत है। मगर यह मामला बिलासपुर में अफसाही की भेंट चढ़ने की कगार पर है। चिकित्सा और शिक्षा निदेशक (डीएमई) लैब निर्माण को लेकर कई तरह की दिक्कतें गिनवा रहे हैं। उनके मुताबिक लैब निर्माण में जहां एक ओर मशीनों की दिक्कत होगी। दूसरी ओर सेटअप तैयार करने में भी समस्याएं होंगी। इससे ही यह लग रहा है कि वे इसके निर्माण के पक्ष में नहीं हैं। डीएमई डॉ. एसएल आदिले कई तरह की आपत्ति दर्ज करवाई हैं। उनके मुताबिक शहर में बिलासपुर में लैब निर्माण कराना आसान नहीं है। इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टर लगते हैं। पूरी टीम बनानी पड़ती है। संसाधनों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। उनके मुताबिक इसकी मशीनें ढाई करोड़ रुपए में आती है। 

बता दें कि डीएमई के मुताबिक पूरा देश लॉकडाउन है। परिवहन की सुविधाएं पूरी तरह बंद हैं। ऐसे में दूसरे देश से किसी भी तरह का सामान मंगवाना आसान नहीं है। इन सारी दिक्कतों के बावजूद उन्होंने लैब की मंजूरी के लिए आसीएमआर को लाइसेंस की प्रक्रिया बढ़ा दी है। आगे की प्रक्रिया भी वहां से मंजूरी के बाद शुरू होगी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि फिलहाल डॉक्टर और दूसरे स्टाफ कोरोना की समस्या से जंग लड़ रहे हैं। बिलासपुर में लैब बनाना भी उनके लिए एक अलग तरह की समस्या है। इसलिए उन्होंने ये समस्याएं गिनवाई हैं। 

वहीं कोरोना वायरस की जांच के लिए बिलासपुर में भी लैब खोले जाने के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश मिलने के बाद निदेशक चिकित्सा शिक्षा ने सिम्स और आरबी हॉस्पीटल का निरीक्षण किया। सिम्स में बायोलॉजी लैब न होने के कारण डीएमई डा. एसएल आदिले आरबी हॉस्पीटल पहुंचे। अभी यहां लैब स्थापित होगी या नहीं, इस पर फैसला अटका हुआ है। हालांकि मेयर रामशरण यादव को उम्मीद है कि यहां लैब बन जाएगी। पर जगह को लेकर अड़चनें आ रही हैं। इस पर अभी मंथन जारी है। स्वास्थ्य विभाग की मौजूदा स्थिति ऐसी है कि उनके पास कोरोना संदिग्ध की रिपोर्ट चार से पांच दिनों में आ रही है। ऐसा तब से चल रहा है जब से इसकी जांच शुरू हुई है।

वहीं कोविड- 19 के संक्रमण का हॉट स्पॉट बने कोरबा जिले के कटघोरा से सटे मस्तूरी व बिल्हा ब्लॉक में चोरी-छिपे लोगों का आना-जारी है। ऐसा करने वाले प्रशासन को जानकारी नहीं दे रहे हैं। अकेले मस्तूरी में ही 10 को क्वारैंटाइन किया गया है। इन दोनों ब्लाक में आने वालों में दस लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा के मुताबिक सीपत से लगे आसपास के इलाकों में यह अभियान चलाया गया। इनमें एक रास्ता सोठी से होकर कटघोरा जाता है और दूसरा कुकदा से निरतू होकर जाता है। यहां आए हुए लोगों को क्वारैंटाइन में रखा गया है। इनमें वे लोग शामिल हैं। जिन्होंने जानकारी न देकर इसका विरोध किया है। उनमें निरतू और खम्हरिया पंचायत के तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है।  बिल्हा सीईओ बीआर वर्मा के अनुसार गुमा में दो और परसदा में दो लोगों के खिलाफ धारा 188 के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है।

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