नई दिल्ली। कई क्लासिक फिल्मों का गवाह रहा आइकॉनिक आरके स्टूडियो के चाहने वालो के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि कपूर भाइयों की ओर से इस स्टूडियों को बेचने का फैसला किया गया है। 70 साल बने इस ऐतिहासिक स्टूडियो में पिछले साल भीषण आग लग गयी थी और इसका एक बड़ा हिस्सा तबाह हो गया था।
चेंबूर में हुई थी इसकी स्थापना
घटती आमदनी, बढ़ते खर्च और रखरखाव में कठिनाई के चलते कपूर परिवार ने भारी मन से यह फैसला किया है। कपूर फैमिली को लगता है कि इसका रेनोवेशन करवाना आर्थिक लिहाज से प्रैक्टिकल नहीं है। बता दें इंडस्ट्री में शोमैन के नाम से मशहूर राजकपूर ने साल 1948 में मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र चेंबूर में इसकी स्थापना की थी।
इसको बेचे जाने को लेकर – ऋषि कपूर ने कहा,’ कपूर परिवार इस फैसले को लेकर काफी भावुक हैं। इससे हमारा एक खास लगाव है लेकिन आनेवाली पीढ़ी का कुछ पता नहीं।’ उन्होंने कहा कि छाती पर पत्थर रखकर यह फैसला लेना पड़ रहा है।’ रणधीर कपूर ने बताया, हां हमने आरके स्टूडियो को बेचने का फैसला किया है। यह बिक्री के लिए उपलब्ध है।’
आरके बैनर तले बनने वाली फिल्मों में बरसात, आग, आवारा, जिस देश में गंगा बहती है, मेरा नाम जोकर, बॉबी, राम तेरी गंगा मैली और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी यादगार फिल्में शामिल है। आरके बैनर तले बनने वाली आखिरी फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ थी जिसका निर्देशन ऋषि कपूर की ओर से किया गया था।