वाराणसीः कोरोना महामारी का संकट भले ही कुछ समय के लिए टल गया हो लेकिन इससे जुड़े अंधविश्वास कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज के समय में भी एक तपका ऐसा भी है जो कोरोना को किसी देवी-देवता का प्रकोप मान रहा है। प्रकोप शांत करने के लिए तरह-तरह के पूजा और हवन का आयोजन किया जा रहा है।
अंधविश्वास का ये खेल सिर्फ ग्रामीण इलाके तह नही नहीं सीमित है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी ये खेल पूरी तरह से फल-फूल रहा है।
कड़ाह पूजा से खत्म होगा कोरोना
ऐसी ही एक तस्वीर वाराणसी जिले के अर्दली बाजार स्थित एलटी कॉलेज की है, जहां कोरोना को खत्म करने के लिए कड़ाह पूजा का आयोजन किया गया। इस पूजा में गोबर के कंडे पर खीर की हांडी के बीच देवी को प्रसन्न करने के लिए हवन किया गया। ढोल-नगाड़े की थाप के बीच ये पूजा करीब दो घंटों तक चली।
कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां
महामारी के खात्मे के नाम पर हुई इस कड़ाह पूजा में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। साप्ताहिक लॉकडाउन में सैकड़ों लोगों को एकत्रित किया गया। इस दौरान किसी न तो चेहरे पर किसी के मास्क था और न ही सोशल डिस्टेसिंग नाम की कोई चीज।
जल्द दस्तक देगी तीसरी लहर
पूजा में शामिल एक युवक ने बताया कि हमने कड़ाह पूजा का आयोजन विश्व में फैली कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए इस पूजा का आयोजन किया गया है। खैर, आयोजन भले ही कोरोना के खात्में के लिए था, लेकिन तस्वीरों को देखकर एक बात तो जरूर साफ है कि अगर ऐसे ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी तो तीसरी लहर के दिन दूर नहीं हैं।
एक्टिव हुई पुलिस
वहीं, वीकेंड़ लॉकडाउन के दौरान आयोजित इस पूजा के बारे में सूचना मिलन पर पुलिस एक्टिव दिखाई दे रही है। पुलिस ने बताया है कि वह मामले की जांच में जुटी हुई है, जल्द ही खुलासा किया जायेगा।