मोतिहारी। साल 2016 में 20 नवंबर को पुखराया (कानपुर) में इंदौर-पटना एक्सप्रेस का पटरी किसी तकनीकी खामी के कारण नहीं बल्कि आतंकियों की साजिश के कारण पटरी से उतरी थी। इस हादसे में 150 लोगों की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश का नतीजा थी। इसका मास्टरमाइंड दुबई में बैठा नेपाली कारोबारी शम्शुल होदा था। दरअसल मंगलवार को यह दावा बिहार के मोतिहारी के एसपी जितेंद्र राणा ने किया है। जितेंद्र का कहना है कि पुलिस के हाथ लगा मोती पासवान और उसके अन्य साथियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि यह हादसा आईएसआई ने करवाया था।
किए और भी खुलासे
मोती ने पुलिस को बताया कि नेपाली कारोबारी शम्शुल होदा आईएसआई को पैसा देता है। उसी ने नेपाल के बृजकिशोर गिरी उर्फ बाबा के जरिये साजिश रची। मोती ने पुलिस को बताया कि पुखराया के पास बम लगाकर उन लोगों ने पटरी उड़ा दी थी, जिसके कारण ट्रेन हादसा हुआ और 150 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।
कानपुर में बीते साल नवम्बर माह की 20 तारीख को पुखरायां व दिसम्बर माह की 28 तारीख को रूरा में दो रेल हादसों ने देश को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद भी 31 दिसम्बर को मंधना में पटरी काटी गई व नट बोल्ट भी निकले पाए गए। अभी इन घटनाओं की जांच भी मुकम्बल नहीं हुई थी कि उन्नाव में मालगाड़ी डिरेल हो गई। कानपुर परिक्षेत्र में लगातार हो रहे रेल हादसों व पटरियों से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका पर जांच शुरू कर दी गई। एटीएस को मंगलवार शाम रेल हादसों के पीछे आईएसआई के इशारे पर देश में आतंकी गतिविधियों व रेल हादसों को फैलाने वाले 3 लोगों को हिरासत में लिया।
बिहार एटीएस चीफ के मुताबिक अभियुक्तों से शुरुआती पूछताछ में इन साजिशों का संचालन किए जाने की जानकारी मिली है। वहीं पुखरायां में रेल हादसे को अंजाम दिए जाने के पीछे अरूण व दीपक का हाथ सामने आया है लेकिन दोनों के मना किए जाने पर उनकी हत्या नेपाल के जंगलों में ले जाकर कर दी गई है। पकड़े गए साजिशकर्ताओं में उमाशंकर पटेल, मुकेश यादव व मोती पासवान है। आतंकी साजिशकर्ताओं के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही आईजी एटीएस असीम अरुण ने 6 सदस्यीय टीम मोतिहारी भेजी है ताकि पकड़े गए आतंकियों से कानपुर में हो रहे रेल हादसों की पूरी जानकारी करके अन्य साजिशकर्ताओं के साथ आतंकी नेवटर्क को पकड़ा जा सके।