लखनऊः आज समूचा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है। देश के लिए अपनी जान गंवाने वालों को आज पूरा देश याद कर रहा है। ऐसे ही एक शहीद जवान थे कैप्टन मनोज कुमार पांडेय। मनोज पांडेय के शहीद होने के बाद उन्हें सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
बता दें कि दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए कैप्टन मनोज पांडेय ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को काफी नुकसाना पहुंचाया था। गोलियों से बुरी तरह छलनी होने के बावजूद मनोज पांडेय दुश्मनों की आंखों में आंखे डालकर लड़ते रहे।
कारगिल विजय दिवस के मौके पर अपने शहीद बेटे की बहादुरी को याद करते हुए गोपीचंद पांडेय ने कहा कि आज भी उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, जब मनोज पांडेय की बहुदरी की चर्चा उनसे करता है।
On Kargil Diwas, martyr Manoj Pandey’s father Gopichand Pandey reminicises about his son’s bravery at 1999 Kargil war. “He made the entire nation proud. He lived up to his responsibilities as an Army man. Happy to share that UP Sainik School has been renamed after him,” he said pic.twitter.com/4uRlcAIUng
— ANI UP (@ANINewsUP) July 25, 2021
गोपीचंद पांडेय कहते हैं कि मनोज ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। वह सेना के जवान के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते थे। उन्होंने ये बताते हुए खुशी जाहिर कि यूपी में सैनिक स्कूल का नाम उनके बेटे के नाम पर रखा गया है।
गौरतलब है कि कैप्टन मनोज पांडेय का जन्म सीतापुर जिले के रुधा गांव में हुआ था। मनोज पांडेय को 11 गोरखा रायलफल्स रेजिमेंट की कड़ी ट्रेनिंग के बाद पहली तैनाती मिली। मनोज के पिता कहता है कि उनके सेना में जाने का सिर्फ एक लक्ष्य था कि परमवीर चक्र हासिल करना।