featured जम्मू - कश्मीर देश

श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड में अनियमितताओं की भरमार …..

vaishno Devi 1 श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड में अनियमितताओं की भरमार .....

हिंदू संगठन को बोर्ड के प्रबंधन का जिम्मा सौंपने पर हाईकोर्ट में अपील

way to bhawan श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड में अनियमितताओं की भरमार .....
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया.

भारत खबर, जम्मू कश्मीर-राजेश विद्यार्थी

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में श्री माता वैष्णो देवी के प्रबंधन का जिम्मा हिंदुओं को सौंपने और सरकार से वाापस लेने की अपील की गई। हाईकोर्ट में पेश याचिका में कहा गया कि श्राइन बोर्ड में अनियमितताओं की भरमार है और इसका आडिट बाहरी आडिट कंपनी से कराया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने जम्मू कश्मीर यूटी, कानून विभाग के सचिव और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए।
बारीदार संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष शाम सिंह व 55 अन्यों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश करके श्राइन बोर्ड के गठन को चुनौती दी।याचिका में कहा गया श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड एक्ट 1988 में हिंदू बारीदारों से श्री माता वैष्णो देवी श्राइन का प्रबंधन हथिया लिया था। भारतीय संविधान की धारा 26 का उल्लंघन करके बोर्ड का गठन किया गया था। संवैधानिक और मूल अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया है। हिंदूओं की प्रशासनिक काबिलयत पर सवालिया निशान लगाए गए हैं। अन्य धर्म के लोगों के धार्मिक स्थलों का प्रबंधन उनके समुदाय के लोग ही कर रहे हैं। कमेटी को पूरा हक है कि वह प्रशासन, गर्वनेंस और प्रबंधन कर सके। बारीदारों को प्रबंधन सौंपने की बजाए, उसका प्रबंधन बोर्ड को सौंप दिया गया और सरकारी अधिकारियों को हेड बना दिया। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में जमा हुए फंड का भी दुरूपयोग हुआ हैै। किसी मान्यता प्राप्त बाहरी आडिट एजेंसी से इसका आडिट कराया जाना चाहिए।

भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन में सलिप्त है बोर्ड

जम्मू। एडवोकेट अंकुर शर्मा ने भारत खबर को बताया बोर्ड में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन फैला है। बोर्ड इतिहासिक तथ्यों से छेडछाड कर रहा है। हिंदू समुदाय के लोगों को उनके ही धार्मिक स्थलों से दूर किया जा रहा है। जबकि क्रिश्चन, मुस्लिम समुदाय के किसी भी धार्मिक स्थल का अधिगृहण नहीं किया गया है। जम्मू कश्मीर में ऐसा पहला उदाहरण है कि हिंदुओं के किसी धार्मिक स्थल सेप्रबंधन जानबुझकर छीनकर सरकार के पास गया हो। सुप्रीम कोर्ट के भी कई फैसले हैं कि धार्मिक स्थलों को राजनीति से दूर रखा जाए। ऐसे ही सरकारी मशीनरी को भी धार्मिक स्थलों के प्रबंधन से दूर रखा जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जावेद इकबाल वानी ने प्रतिपक्ष को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए।

इफ्तार पार्टी में खर्च किया जाता है रुपया
जम्मू। याचिका में कहा गया कि सरकारी मशीनरी मंदिर के चढ़ावे का रुपया इफ्तार पार्टियों में खर्च करते हैं। अन्य धर्म के लोगों के लिए पार्टियों का आयोजन करते हैं जो एक्ट की धारा 14 का खुलम खुल्ला उल्लंघन है। बोर्ड ने कई गैर हिंदूओं को भी नौकरीपर रखा है और प्रशासन के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है। बोर्ड की कार्यप्रणाली हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।हिंदुओं को प्रबंधन से दूर करके सरकार नेे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से खिलवाड़ किया है।

पारंपरिक रूट को बदला गया
जम्मू। बारीदारों ने याचिका में आरोप लगाया कि कटरा से भवन तक जाने के लिए पारंपरिक रूट से बोर्ड ने खिलवाड़ किया है। हिंदुओं की माता वैष्णों देवी की आस्था पर ठेस पहुंचाई है। चरण पादुका और अर्धकुंवारी से नए रास्ते का निर्माण किया गया। श्रद्धालु पारंपरिक चरण पादुका और अर्धकुंवारी गुफा के दर्शन भी नहीं कर पाते हैं।

1986 से पहले बारीदारों के पास था प्रबंधन
जम्मू। बोर्ड के गठन से पहले हिंदू बारीदारों के पास प्रबंधन था। बारीदार ही श्रद्धालुओं की सुख सुविधा का ध्यान रखते थे। सरकार ने अचानक प्रबंधन अपने कब्जे में ले लिया। जम्मू कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट भी इसके प्रबंधन का कार्य देखता था। पंडित श्रीधर ने दसवीं शताब्दी में त्रिकुटा पहाड़ियों के बीच गुफा की तलाश की थी। पंडित श्रीधर हंसाली गांव में रहते थे और पैदल रोज माता के दर्शनों के लिए जाते थे। किमदंती है कि कटरा कस्बे के नजदीक ही पंडित श्रीधर ने महाभारत काल में इस गुफा की तलाश कर ली थी और पूर्नजन्म लेकर दोबारा पूजा अर्चना शुरू की। बारीदारों ने मंदिर को तलाश करने के बाद इसका प्रबंधन अपने हाथों में लिया था।

Related posts

प्रयागराज में कोरोना का कहर जारी, अब इन दो सरकारी बिल्डिंगों पर लगा ताला

Aditya Mishra

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का जवाब

Rani Naqvi

प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी टीचरों की होगी नियुक्ति, हाईकोर्ट के आदेश से हुआ रास्ता साफ

Samar Khan