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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस: जानें क्यों मनाया जाता यह दिन, क्या है इसका इतिहास?

womensDay2 1 अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस: जानें क्यों मनाया जाता यह दिन, क्या है इसका इतिहास?
  • भारत खबर, मेरठ डेस्क

Internationa Women Day पूरे विश्व में मनाया जाता है और इसके पीछ की वजह इतनी शानदारद है जिसे प्रत्येक युवा, पुरुष को जानना चाहिए। इसे अंतरराष्ट्रीय क्रियाशील महिला दिवस या महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिये संयुक्त बुतपरस्त दिवस भी कहा जाता है जो समाज में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये देश के विभिन्न क्षेत्रों में पूरे विश्व भर में 8 मार्च को हर वर्ष मनाया जाता है।

सामान्यत: इसे पूरी महिला बिरादरी को सम्मान देने, उनके कार्यों की सराहना करके और उनके लिये प्यार व सम्मान जताने के लिये मनाया जाता है। चूँकि महिलाएँ समाज का मुख्य हिस्सा होती हैं तथा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्रियाओं में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं, महिलाओं की सभी उपलब्धियों की सराहना करने और याद करने के लिये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाते हैं।

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कब से हुई शुरुआत?

1910 के अगस्त महीने में, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सालाना उत्सव को मनाने के लिये कोपेहेगन में द्वितीय अंतरराष्ट्रीय समाजवादी की एक मीटिंग (अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के द्वारा आयोजित) रखी गया थी। अंतत: अमेरिकन समाजवादी और जर्मन समाजवादी लुईस जिएत्ज़ की सहायता के द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का वार्षिक उत्सव की स्थापना हुई। हालाँकि, उस मीटिंग में कोई एक तारीख तय नही हुई थी। सभी महिलाओं के लिये समानता के अधिकार को बढ़ावा देने के लिये इस कार्यक्रम को मनाने की घोषणा हुई।

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इसे पहली बार 19 मार्च 1911 में ऑस्ट्रीया, जर्मनी, डेनमार्क और स्वीट्ज़रलैंड के लाखों लोगों द्वारा मनाया गया था। विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे प्रदर्शनी, महिला परेड, बैनर आदि रखे गये थे। महिलाओं के द्वारा वोटिंग की माँग, सार्वजनिक कार्यालय पर स्वामित्व और रोजगार में लैंगिक भेद-भाव को समाप्त करना जैसे मुद्दे सामने रखे गये थे। हर वर्ष फरवरी के अंतिम रविवार को राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में अमेरिका में इसे मनाया जाता था। फरवरी महीने के अंतिम रविवार को 1913 में रशियन (रुस की) महिलाओं के द्वारा इसे पहली बार मनाया गया था। 1975 में सिडनी में महिलाओं (ऑस्ट्रेलियन बिल्डर्स लेबरर्स फेडरेशन) के द्वारा एक रैली रखी गयी थी।

1914 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव 8 मार्च को रखा गया था। तब से, 8 मार्च को सभी जगह इसे मनाने की शुरुआत हुई। वोट करने के महिला अधिकार के लिये जर्मनी में 1914 का कार्यक्रम खासतौर से रखा गया था। वर्ष 1917 के उत्सव को मनाने के दौरान सेंट पीटर्सबर्ग की महिलाओं के द्वारा “रोटी और शांति”, रशियन खाद्य कमी के साथ ही प्रथम विश्व युद्ध के अंत की माँग रखी। धीरे-धीरे ये कई कम्युनिस्ट और समाजवादी देशों में मनाना शुरु हुआ जैसे 1922 में चीन में, 1936 से स्पैनिश कम्युनिस्ट आदि में।

एक समाजिक राजनैतिक कार्यक्रम के रुप में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव को मनाने की शुरुआत हुई जिसके दौरान कई देशों में अवकाश की घोषणा की गयी। इस उत्सव को मनाने के दौरान मातृ दिवस और वैलेंटाईन दिवस के उत्सव की तरह महिलाओं की ओर पुरुष अपना प्यार, देख-भाल, सराहना और लगाव को ज़ाहिर करते हैं। अपने अनमोल योगदान के लिये महिला संघर्ष की ओर राजनीतिक और सामाजिक जागरुकता को मजबूत करने के लिये वर्ष के खास विषय और पूर्व योजना के साथ हर वर्ष इसे मनाया जाता है।

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