तालिबान की तानाशाही अफगानिस्तान में जारी है इस बार तालिबान ने एक नया फरमान सुनाया है कि, महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना, वे मंत्री नहीं बन सकतीं। इस मामले में तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा है कि, “एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है। महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है।”
तालिबान ने महिलाओं को लेकर इससे पहले भी फरमान जारी किए थे। कुछ दिन पहले जारी किए गए एक फरमान में कहा गया था कि महिलाओं को क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं होगी। क्योंकि इसमें महिला का फेस दिखाई देता है। जोकि इस्लाम के खिलाफ है। इसके बाद तालिबान ने नए फरमान में कहा कि एक महिला कभी भी मंत्री नहीं बन सकती। महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो उठा नहीं सकती हैं। महिलाओं का कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से ऐसे नए कानून सामने आए हैं।
तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह हाशमी ने बयान में कहा कि, सत्ता हथियाने के समय महिलाओं को उनके अधिकार देने की बात करने वाले तालिबान के सुर सरकार गठन के साथ ही बदल गए हैं। उन्हें उतने ही अधिकार दिए जा रहे हैं, जितने में वे सिर्फ जिंदा रहने के लिए सांस ले सकें। इसके अलावा अफगानिस्तान में महिलाओं पर पढ़ाई को लेकर बहुत से प्रतिबंध लागू किए जा चुके हैं। कॉलेजों में पर्दा लगवा दिया गया है, जिसमें एक तरफ लड़के तो दूसरी तरफ लड़कियां बैठ कर पढ़ाई करेंगी। इसके अलावा लड़कियों को पढ़ाने के लिए महिला या फिर बुजुर्ग टीचर होंगे। तालिबानियो ने कहा था कि, मास्टर व पीएचडी डिग्री लेने से कोई फायदा नहीं है। हम लोग बिना पढ़े सरकार चला रहे हैं।