Computer featured Mobile Science दुनिया देश साइन्स-टेक्नोलॉजी

मध्य एशिया के 3 देशों की बत्ती गुल, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की वजह से ग्रिड पर बढ़ा दबाव

Bijli मध्य एशिया के 3 देशों की बत्ती गुल, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की वजह से ग्रिड पर बढ़ा दबाव

मिडल एशिया के 3 देश मंगलवार को अंधेरे में डूब गए। इसकी वजह कजाकिस्तान में एक बड़ी पावर लाइन थी जो ठप होना था । इससे कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के कई शहरों में ब्लैकआउट हो गया और लोगों को बिना बिजली के रहने पड़ा। हालांकि, अब इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई को रिस्टोर कर दिया गया है।

यह भी पढ़े

 

PM Modi Look: गणतंत्र दिवस पर मणिपुर की शॉल, उत्तराखंड की टोपी में दिखे पीएम मोदी

करेंसी की माइनिंग के कारण बत्ती गुल

आप सोच रहे होंगे कि कौन ली करेंसी की वजह से वो भी बत्ती गुल क्यों । तो चलिए आप को बताते हैं इसके पीछे की असल वजह है। कजाकिस्तान में क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग के कारण बिजली खपत में काफी ज्यादा उछाल आया है। इस वजह से भी ग्रिड पर दबाव बढ़ा है। ऐसे में कजाकिस्तान ने 24 जनवरी से 31 जनवरी तक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग करने वाली कंपनियों को ब्लॉक कर दिया है।

पजल्स को सॉल्व करके नई करेंसी होती है प्रड्यूज

क्रिप्टो माइनिंग में सॉफ्टवेयर के जरिए पजल्स को सॉल्व करके नई करेंसी प्रड्यूज की जाती है। इस प्रोसेस में काफी ज्यादा बिजली खर्च होती है। ये तीनों देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे और इनके ग्रिड कजाकिस्तान के माध्यम से रशियन पावर ग्रिड से आपस में जुड़े हुए हैं। लेकिन कजाकिस्तान की नॉर्थ-साउथ पावर लाइन इमरजेंसी इनबैलेंस के कारण ठप पड़ गई। कजाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइडर KEGOS ने इसकी जानकारी दी।

Bijli मध्य एशिया के 3 देशों की बत्ती गुल, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की वजह से ग्रिड पर बढ़ा दबाव

शटडाउन के बाद पावर प्लांट्स फिर से शुरू

ब्लैक आउट के बाद उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के अधिकारियों ने कहा था कि वे इमरजेंसी शटडाउन के बाद पावर प्लांट्स को फिर से शुरू कर रहे हैं। उज्बेकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि कजाकिस्तान के पावर ग्रिड में एक दुर्घटना के कारण बिजली गुल हो गई थी। इससे करीब 530 लाइन पर वोल्टेज और फ्रीक्वेंसी में बदलाव आया और यूनिफाइड पावर ग्रिड से जुड़ी उज्बेक पावर ग्रिड डैमेज हो गई।

पानी तक से लेकर हवाई सेवाओं पर रहा असर

बिजली कटने से कई शहरों में पानी आपूर्ति बंद हो गई। अल्माटी एयरपोर्ट सामान्य रूप से काम कर रहा था, लेकिन ताशकंद के एयरपोर्ट ने बिजली की कमी के कारण उड़ानें और मेट्रो बंद कर दिया गया। वहीं, बिश्केक का हवाई अड्डा कम क्षमता पर काम कर रहा था।

30 जुलाई 2012 को भारत में भी हुआ था

भारत में अगर ब्‍लैकआउट की बात करें तो 30 जुलाई 2012 को भारत में ब्‍लैकआउट हुआ था, इस ब्‍लैकआउट के दौरान लगभग आधा भारत प्रभावित हुआ था ।

bijli house मध्य एशिया के 3 देशों की बत्ती गुल, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की वजह से ग्रिड पर बढ़ा दबाव

क्रिप्टो करेंसी माइनिंग से भी बिजली संकट

मध्य एशियाई देशों को पावर ग्रिड को गर्मियों में भी बिजली संकट का सामना करना पड़ा है। सूखे की वजह से जल बिजली परियोजनाओं से बिजली उत्पादन में कमी इसकी वजह है। वहीं, कजाकिस्तान में क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग से बिजली खपत में उछाल आया है।

चीन में प्रतिबंध और पिछले साल के मध्य में बिटकॉइन की कीमतों उछाल आने से भी कजाकिस्तान में क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग बढ़ी है।

Related posts

कब मिलेगा दिल्ली को मेयर, क्यों नहीं हो पाया मेयर का चुनाव ?, जानिए मेयर चुनाव के सियासी समीकरण

Rahul

bharatkhabar

Breaking News