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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020ः पहले से स्थिति में हुआ सुधार, 107 देशों में 94वां पायदान किया हासिल

080b10cc 4138 43fa 968b 0bca6a511ade ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020ः पहले से स्थिति में हुआ सुधार, 107 देशों में 94वां पायदान किया हासिल

नई दिल्ली। देश में लगातार किसी न किसी चींज की समस्या हमेशा बनी रहती है। कोरोना महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था का भी बुरा हाल है। हर तरफ बेरोजगारी ही बेरोजगारी है। इसी बीच ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कुछ पिछले वर्षो को देखते हुए इस बार भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। इस बार 107 देशों में भारत ने 94वीं रैंक हासिल की है। गत वर्ष की बात करें तो 117 देशों में भारत 102 वें स्थान पर था।

बता दें कि भारत अब भी अपने पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स अलग-अलग देशों में लोगों की खाने की चीजें कैसी और कितनी मिलती हैं उसे दिखाने का साधन है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स का सूचकांक प्रत्येक वर्ष ताजा आकड़ों के साथ जारी किया जाता है। इस सूचकांक के जरिए विश्व भर में भूख के खिलाफ चल रहे अभियान की उपलब्धियों और नाकामियों को दर्शाया जाता है। ग्लोबल हंकर इंडेक्स स्कोर ज्यादा होने पर का मतलब है उस देश में भूख की समस्या अधिक है। उसी तरह किसी देश का स्कोर अगर कम होता है तो उसका मतलब है कि वहां स्थिति अच्छी है। इसे नापने के चार मुख्य पैमाने हैं- कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में रूकावट और बाल मृत्यु दर। भारत अभी भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग में काफी पीछे चल रहा है। भारत का ग्लोबल हंगर इंडेक्स में खराब प्रदर्शन जारी है। क्योंकि भारत अपने छोटे पड़ोसी देशों की तुलना के काफी नीचे है जबकि बांग्लादेश और नेपाल की स्थिति भी बेहतर हैं

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 की रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें भारत की स्थिति पहले की अपेक्षा सुधरी है। लेकिन अब भी भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया जैसे देशों से भी पीछे चल रहा है। सिर्फ 13 देश ही ऐसे है जिनसे भारत आगे है। जिनमें रवांडा, नाइजीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया, मोजाम्बिक और चाड देश शामिल हैं। इस बार भारत 107 देशों की लिस्ट में 94वें स्थान पर है। भूख के मामले में भारत की स्थिति बेहद गंभीर है। रिपोर्ट की मानें तो भारत की करीब 14 प्रतिशत जनसंख्या कुपोषण का शिकार है। अगर हम 2015 से भारत की रैंकिंग की बात करें तो 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 102 वां स्थान हैं। देश में भूखमरी को लेकर संकट बरकार है। किसी भी स्थिति में परिवर्तन नहीं हुआ है। बल्कि देश में कुपोषण बच्चों की स्थिति भयावह बनती जा रही है।

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