नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच बढ़ी असहजता को लेकर विदेश सचिव एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत सरकार की तरफ से चीन को लगातार आश्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ यह भी बताने का प्रयास किया जा रहा है कि भारत की प्रगति किसी भी प्रकार से चीन के लिए हानिकारक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन भारत के इस प्रयास में साथ देगा।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने बुधवार को क्षेत्रीय समूहों की वैश्विक व्यस्था में महत्ता का जिक्र करते हुए यहां दूसरे रायसीना डॉयलॉग में पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि एक देश के चलते सार्क अप्रभावी हो गया है लेकिन भारत ने सार्क के अंदर उप-समूह से इसकी भरपाई की कोशिश की है। विदेश सचिव ने कहा कि क्षेत्रीय संगठन आज वैश्विक व्यवस्था के निर्माण का अभिन्न अंग बन गए हैं। भारत सार्क का संस्थापक सदस्य है। यह ऐसा संगठन है जो एक देश के स्वयं को असुरक्षित महसूस करने से अप्रभावी हो गया है। हमारा मानना है कि इसकी कुछ भरपाई भूटान, बांग्लादेश, भारत और नेपाल (बीबीआईएन) उप-समूह से हुई है।
गौरतलब है कि भारत के प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि संबद्ध देशों की संप्रभुता का सम्मान कर ही क्षेत्रीय संपर्क मार्ग को पूरा किया जा सकता है और मतभेद तथा कलह से बचा जा सकता है। जयशंकर ने कहा, ‘‘हम चीन को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारी प्रगति चीन के विकास के लिए हानिकारक नहीं है।