नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा समय समय आजादी के तरानों को याद करता रहता है। और देश को गोरांवित करने वाले तराने बनाता है भारतीय सिनेमा ने ना सिर्फ देशभक्ति की फिल्मे बनाई है बल्कि आजादी के तरानों को याद करते हुए भारतीय सिनेमा ने उन्हें ऊंचा ओहदा दिया है।
आज से नहीं बल्कि इतिहास के समय से ही भारतीय सिनेमा लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना भरने में सहायक रहा है। सभी इस बात से इत्तिफाक रखेंगे कि भारतीय सिनेमा ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान काफी अहम रोल अदा किया था। जितनी मेहनत उस दौरान स्वतंत्रता सैनानियों ने की थी उतनी ही मेहनत भारतीय सिनेमा ने भी की थी। भारतीय सिनेमा न केवल उस दौरान प्रचार प्रशार में भूमिका अदा करता था अपितु आज भी लोगों के अंदर देश प्रेम की भावना को पैदा करता है।
देश प्रेम की भावना को पैदा करने वाली फिल्में
आज की पीढ़ी को उस दौर का समय आभास कराने के लिए भारतीय सिनेमा हमेशा अपना योगदान देता आया है। समय समय पर ऐसी फिल्में बनाई जाती हैं जो न केवन देश प्रेम की भावना को पैदा करता है बल्कि उस समय से रुबरू कराता है। गांधी, शहीद, अइराती तोल्लायिराति इरपति ओन्नु हकीकत जैसी अनेको ऐसी क्लॉसिकल फिल्में हैं जो लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना को पैदा करता है।
आजादी की लड़ाई के प्रतीक
भारत की आजादी की लड़ाई में यूं तो लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों ने भाग लिया लेकिन कुछ ऐसे सपूत भी थे जो इस आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे। राष्ट्रधर्म की खातिर क्रांति की पहली गोली चलाने वाले को भले ही तोपों से उड़ा दिया गया लेकिन जो चिंगारी उन्होंने लगाई उस आग में तपकर निकले स्वाधीनता सेनानियों ने अपने अहिंसक आंदोलन से अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
आजादी की महागाथा में उन युवा महानायकों को भी याद रखा जाएगा और उन्हें याद रखने में भारतीय सिनेमा बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका अदा कर रहा है। अक्सर ऐसा महान सपूतों पर भारतीय सिनेमा फिल्मे बनाता हैं लाखों करोड़ों लोगों तक पहुंचाता है।
आजादी की महागाथा में अपना नाम सुनहरें अक्षरों में दर्ज कराने वाले लोगों को हिंदी सिनेमा का सलाम
- बहुचर्चित फिल्म गांधी
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस
- आई एम कलाम
- शहीद
- आनंद मठ
- बॉर्डर
- चिटगॉन्ग
- हकीकत
- लक्ष्य
- द लेजेंड ऑफ भगत सिंह
- मंगल पांडे: द राइजिंग
- उपकार
हिंदी सिनेमा जगत की वो फिल्में जो आज भी स्वाधीनता संग्राम की याद दिलाती है। जिन्हें देखने के बाद एक बार लोगों के दिलों में पैदा होती है देश हित की भावना। जिसको बार बार सलाम करता है हमारा हिंदी सिनेमा।
सर पर कफन बाँध कर चलने वाले
हंसते हंसते अपना सब कुछ लुटाने वाले
भारत मां के उन लालो को
जो मर करके भी रोशन कर गए देश का नाम
उन वीर सपूतो को देश करता है सलाम