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बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय फौज ने अमेरिका की धमकी को भी किया था नजरअंदाज

बांग्लादेश के गठन की कहानी बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय फौज ने अमेरिका की धमकी को भी किया था नजरअंदाज

नई दिल्ली। 1947 और 1965 की लड़ाई में भारत के जाबांजों ने अपनी जाबाजी से पाकिस्तान को संदेश दिया था कि अपने नापाक इरादों में वह कभी भारत के सामने नहीं टिक सकता। उसे सुधरना होगा, अन्यथा अंजाम भुगतना होगा। इसके बावजूद पाकिस्तान ने 1971 में एक बार फिर से युद्ध की पहल की, जिसके परिणाम स्वरुप पाकिस्‍तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा और पूर्वी पाकिस्तान ने आजाद होकर बांग्लादेश का रुप ले लिया। इस पहल के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज किया गया। उनकी इच्छा शक्ति और सेना के पराक्रम के चलते ही बांग्लादेश की आज़ादी संभव हो सकी.आखिर इस युद्ध के कारण क्या थे? और इसमें भारत कब शामिल होने को मजबूर हुआ. इस सहित और भी कई पहलुओं के बारे में जानने की कोशिश हमारे देश के वीरों को एक तरह से श्रद्धांजलि ही होगी।

 

बांग्लादेश के गठन की कहानी बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय फौज ने अमेरिका की धमकी को भी किया था नजरअंदाज

 

बता दें कि पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की बर्बरता के चलते 3 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना ने पाक फौज पर हमला बोल दिया था। 1965 की जंग के बाद यह दूसरा मौका था, जब दोनों देशों की फौजें आमने-सामने थीं। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय फौज ने अमेरिका की धमकी को भी नजरअंदाज कर दिया था। अमेरिका ने बंगाल की खाड़ी में अपनी नौसेना का 7वां बेड़ा भारत को डराने के लिए तैनात कर दिया था।

आखिर क्यों बना बांग्लादेश?

भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के रूप में शुरू हुआ था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बंट गया था। पूर्वी हिस्से (आज का बांग्लादेश) को पश्चिम में बैठी केंद्र सरकार अपने तरीके से चला रही थी। उन पर भाषाई और सांस्कृतिक पांबदियां थोप दी गई थीं। इस कारण पूर्वी पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे। इन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने फौज को इनका दमन करने के आदेश दिए। दो लाख महिलाओं के साथ रेप का दावा इस दौरान पूर्वी पाकिस्तानी अवामी लीग के बड़े नेता जैसे शेख मुजीर्बुर रहमान आदि को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना द्वारा लगभग दो लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था। करीब 20 से 30 लाख लोग मारे गए थे। करीब 80 से एक करोड़ लोगों ने भागकर भारत में शरण ली थी।

सबसे छोटा युद्ध

13 दिनों तक चले युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना से 16 दिसंबर को हथियार डाल दिए। भारतीय फौज ने करीब 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था। इसे सबसे कम समय तक चले युद्ध के तौर पर भी देखा जाता है।

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