भारतीय सेना अब और भी ज्यादा ताकतवर हो गई है। अब भारतीय सेना को ताकतवर बनाने के लिए सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। दुश्मन चाहे कही पर भी अब वह सेना की नजरों से नहीं बच सकती है। क्योंकि अब दुश्मनों पर नजर रखने के लिए सेना इसरो की 13 सैटेलाइट को अपने प्रयोग में लेकर आएगी। सभी सैटेलाइट के माध्यम से बॉर्डर पर दुश्मनों की गतिविधी पर नजर रखी जाएगी। इसरो द्वारा लॉन्च की गई 13 सैटेलाइट में कार्टोसेट सीरीज-2 शामिल है। इसरो ने इन सभी मिसाइल को पृथ्वी की कक्षा के करीब ही स्थापित कि है। सूत्रों के अनुसार कार्टोसेट-2 सैटेलाइट के साथ कार्टोसेट 1 रीसेट-1 और रीसेट -2 सैटेलाइट के भी भारतीय सेना दुश्मनों पर नजर रखेगी।
इसमें ज्यादातक रिमोट से चलने वाली सैटेलाइट हैं। इन सैटेलाइट को पृथ्वी की सतह से 200 से 1200 किलोमीटर की ऊंचाई पर लगाया गया है। ऐसे में अब सेना के पास सीमा पर किसी भी गतिविधी की जानकारी जल्द से जल्द पहुंचाई जा सकती है। भारतीय जलसेना भी दुश्मनों पर नजर रखने के लिए इसे अपने प्रयोग में लाएगी। भारतीय जलसेना G-SAT सैटेलाइट को प्रयोग में लाकर दुश्मनों की गतिविधी पर नजर रखेगी। जानकारी के लिए बता दें कि एंटी सैटेलाइट वीपन दुश्मनों पर हमला करने की क्षमता भी रखता है।
वही यह तकनीक भारत के अलावा रूस, अमेरिका, चीन के पास है लेकिन इसरो इस प्रोजेक्ट के साथ अभी जुड़ना नहीं चाहती है। वही अब जमीन के साथ साथ समुद्र में भी भारतीय सेना दुश्मनों पर नजर रख पाएगी। वही डिफेंस टेक्नॉलजी एक्सपर्ट और डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर का कहना है कि दूर का लक्ष्य भेदने वाली बैलेस्टिक मिसाइल अग्निृवी के विकास में विकसित किया गया है। और सैटेलाइट प्रक्षेपण की मांग पर इसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।