नई दिल्ली ।फ्रांस के साथ भारत की बढ़ रही नजदीकियां जल्द ही अपना परिणाम दिखाने वाली हैं। राफेल विमान की खरीद समझौते को लेकर भारत को फ्रांस का पूरा साथ मिल रहा है। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस सौदे पर 23 सितंबर को दोनों देशों की तरफ से हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस सौदे के बाद लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना मजबूती की ओर अग्रसर हो जाएगी। इस सौदे के साथ ही कई वर्षां से लड़ाकू विमान की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना को नई मजबूती मिल जाएगी। यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो यानी करीब 59 हजार करोड़ रुपये में किया जा रहा है इस सौदे के अंतर्गत 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिलेंगे, सौदे को अंतिम रुप देने फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां वेस ली भारत आएंगे।
आपको बता दें कि 7.87 बिलियन यूरो के इस सौदे में करीब पचास फीसद ऑफसेट के तहत कवर होगा। इसका अर्थ है कि इस सौदे की आधी रकम या तो फ्रांस भारत में निवेश करेगा या फिर इस रकम के एवज में इसका सामान मुहैया करवाएगा।इस सौदे के तहत भारत को फ्रांस हवा से हवा में मार करने वाली विश्व की आधुनिक मिसाइल मेटेओर भी देगा। यह मिसाइल दुश्मनों के एयरक्राफ्ट और 100 किमी दूर स्थिति क्रूज मिसाइल को ध्वस्त करने में सक्षम है। अमेरिका के अलावा किसी देश के पास मेटेओर नहीं है इस मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लेने से भारत की स्थिति दक्षिण एशिया में और मजबूत हो जाएगी।
क्या है मेटेओर- एक वेबसाइट वॉर इस बोरिंग के मुताबिक पारंपरिक ठोस-ईंधन बूस्टर लॉन्च के बाद हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के समान मेटेओर को एक्सेलरेट करता है लेकिन हवा में यह मिसाइल एक पैराशूट को खोलती है जिससे हवा इंजन में समा जाती है। इसकी बदौलत ऑक्सीजन गर्म हो जाती है और यह सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि से चार गुना तेजी से आगे बढ़ती हैइस मिसाइल का निर्माण करने वाले यूरोपीय फर्म एमबीडीए के इंजीनियरों ने कथित तौर पर दावा किया है मेटेओर में नो एस्केप जोन है जो कि एआईएम-120डी एएमआरएएएम मिसाइल से तीन गुना बड़ा है।