नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि भारत के मुसलमान संगठित है। वो खुद को भारतीय मानते हैं। इसलिए भारत को अपनी मुस्लिम आबादी को साथ लेकर चलना चाहिए। उनका पालन पोषण बहुत ही दुलार से करना चाहिए। उनका मानना है कि भारत को धार्मिक सहिष्णुता पर भी जोर देने की जरूरत है। ओबामा राष्ट्रपति पद त्यागने के बाद पहली बार भारत आए ओबामा ने एक अंग्रेजा अखबार के सम्मेलन में अपनी इस बात को दोहराते हुए कहा कि इस विचार को मजबूती से अमल में लाने की जरूरत है। साल 2015 की भारत यात्रा में भी ओबामा ने बंद कमरे में हुए बातचीत में धार्मिक सहिष्णुता और अपने धर्म का पालन करने के अधिकारों पर बल दिया था।
बता दें कि ओबामा का कहना है कि हमेशा ही कुछ न कुछ विरोधी बयान आता रहता है। जो यूरोप अमेरिका और कुछ दफा भारत में ज्यादा मुखर है। कुछ आदिवासी पुरातन विचार कुछ नेताओं की शह पर जोर पकड़ते हैं, फिर पीछे हट जाते हैं। भारत संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में असंख्य मुस्लिम आबादी है। जो ज्यादा सफल, एकजुट है और खुद को भारतीय मानती है। लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ अन्य देशों में ऐसा नहीं है।
वहीं ओबामा का कहना है कि जिसे दाल बनाने की विधि पता है। यह भारतीय व्यंजन हर घर की जान है। उन्होंने बताया कि पिछली रात जिस वेटर ने उन्हें दाल परोसी, उसने उन्हें उसे बनाने की विधि भी बतायी। तब उन्होंने उस वेटर को बताया कि उसे विधि बताने की जरूरत नहीं क्योंकि उन्हें पता है कि दाल कैसे बनती है। इस बातचीत के बीच उन्होंने इंटरव्यू ले रहे करन थापर को बताया कि वह कीमा भी अच्छा बना लेते हैं और उनका चिकन भी ठीक-ठाक है। जब करन थापर ने उनसे पूछा कि क्या वह रोटी भी बना लेते हैं, तो उन्होंने कहा कि वह नहीं बना पाते। रोटी बनाना मुश्किल है।