नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुआंगझू में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के प्रति भारत की नीति सहयोग के क्षेत्रों के विस्तार और मतभेद दूर करने पर केन्द्रित है। मुखर्जी ने चीन की चार दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान बुधवार को गुआंग्डोंग के गवर्नर से मुलाकात की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि चीन के साथ भारत अपने सहयोग का दायरा बढ़ाना चाहता है और आपसी मतभेदों को कम करने का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की ओर से लगातार हो रही यात्राओं से पता चलता है कि दुनिया के दो बड़े देशों के संबंधों का दायरा बढ़ रहा है। उन्होंने 1990 के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच व्यापार क्षेत्र में बढोत्तरी का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों में व्यापार खासकर कि पिछले 15 सालों में करीब तीन बिलियन डॉलर से बढ़कर 71 बिलियन डॉलर हो गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम चीन के बाजार में भारतीय उत्पादों की अधिक पहुंच चाहते हैं जिससे द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन लाया जा सके, जो अभी चीन के पक्ष में झुका हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जरूरी है जहां दोनों देश स्वाभाविक तरीके से एक-दूसरे के पूरक हैं। इन क्षेत्रों में फार्मा, आईटी और आईटी संबद्ध सेवाएं और कषि उत्पाद शामिल हैं।