नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं काफी महत्वपूर्ण हो गई हैं और वैश्विक वृद्धि में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत वैश्विक प्रमुख प्रेरक रहा है और भारत की अनुमानित वृद्धि दर 2016-17 के 7.1 की तुलना में 2017-18 में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
जेटली शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में जी-20 के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को संबोधित कर रहे थे। विभिन्न सत्रों में सुदृढ़ अफ्रीका, वित्तीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना तथा वैश्विक वित्तीय शासन पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर जेटली ने कहा कि भारत जुलाई 2017 से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के पथ पर है। जीएसटी करों की बहुलता को समाप्त करेगा और भारत को एक साझा बाजार देगा।
उन्होंने कहा कि आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार भारत की मध्यकालीक वृद्धि दर 8 प्रतिशत से ऊपर होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अभी हाल में सरकार ने सबसे बड़ा करेंसी सुधार सफलतापूर्वक लागू किया है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था कम नकद उपयोग वाली अर्थव्यवस्था होगी, कर अनुपालन में वृद्धि आएगी और आतंक के धनस्रोत के रूप में जाली करेंसी का खतरा कम रहेगा। जेटली ने कहा कि इस तरह के अनेक सुधारों से वैश्विक अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव की कठिनाइयों को झेलने में भारत सक्षम रहेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तथा विश्व बैंक की स्प्रिंग बैठकों में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी की सरकारी यात्रा पर हैं। उनके साथ भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर डा. उर्जित पटेल, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार डा. अरविंद सुब्रमण्यम तथा अन्य अधिकारी गए हैं।