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उत्तर प्रदेशः स्वच्छता के नाम पर करोड़ों की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं अधिकारी और प्रधान

उत्तर प्रदेशः स्वच्छता के नाम पर करोड़ों की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं अधिकारी और प्रधान

उत्तर प्रदेशः मैनपुरी के गांवों की तस्वीर बदलने का वादा पूरा करने के लिए सरकार जहां एक ओर लगातार प्रयास कर रही है। स्वच्छता के नाम पर लाखों करोंङो रुपयों की योजनाओं का संचालन कर ग्रमीणों को सुविधा देने के लिए नित नए आयाम स्थापित कर रही है। वहीं जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि व राजनीती का प्रथम सीढ़ी कहलाने वाले ग्राम प्रधान व सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से योजनाओं का बीच में ही विलुप्त होना, सरकार की नीतियों पर ग्रहण लगा रहा है। साथ ही उन ग्रमीणों की आशाओं को भी झकझोर रहा है। जो विकास की राह पर योजनाओं का लाभ लेने के लिए मुंह ताकते नज़र आ रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेशः स्वच्छता के नाम पर करोड़ों की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं अधिकारी और प्रधान
उत्तर प्रदेशः स्वच्छता के नाम पर करोड़ों की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं अधिकारी और प्रधान

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सरकारी योजना में सम्मलित्त मूल रूप से शौचालय निर्माण है। जिसमें सबसे ज्यादा घोटाले हैं लेकिन उच्चाधिकारी इसे हलके में ही निपटा कर भ्रष्टाचारियों का मनोबल बढ़ाने का काम कर देते हैं।जिससे हालात यह हो जाते हैं कि इन भोले- भाले ग्रामीणों का हक़ कब हज़म हो जाता इन्हें मालूम भी नहीं चलता। इन्हें मालूम होता है तो वह सिर्फ़ इंतज़ार और इंतज़ार।

मामला बेबर ब्लाक के प्रयाग पुर गांव समेत दिकत मई का है जहां ग्रमीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं।उनका आरोप है कि शौचालय निर्माण में कई बड़े घोटाले हुए हैं जिसके चलते पात्रों को अभी तक शौचालय नही मिल पाए हैं।जबकि सरकार भारत भर को ओडीएफ(Open defecation free) करने के प्रयास में लगी हुई है।

वहीं गांव के निवासी अखिलेश ने आरोप लगाया है कि गांव में अभी तक शौचालय, आवास जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए वह इंतज़ार में हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश योजना भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ कर रह गई हैं। सारा काम काग़ज़ों पर तो हुआ पर धरातल में महज़ शून्य है।इसी तरह का आरोप सुभाष चंद्र शर्मा द्वारा भी लगाया गया है।गांव की ही बुजुर्ग रेशम देवी का कहना है कि योजना का पैसा प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा डकार लिया गया है और वह आस लगाती ही रह गई।

कुल मिलाकर ग्रमीणों ने भ्राष्टाचार की ये कहानी बेबाक़ी से सुनाते हुए अधिकारियों तक पहुंचाने की गुहाऱ लगाते हुए कहा है कि यदि सरकार ने योजना ग्रमीणों के लिए दी है तो लाभ क्यों नहीं।।वहीं इस पूरे मामले में जब मुख्य विकास अधिकारी कपिल सिंह से बात की गई तो उन्होंने जांच कराने की बात कहते हुए शासन के निर्देशों की दुहाई दी।अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई इतने बड़े घोटालों की जानकारी अधिकारियों से परे है या जानबूझकर अधिकारी अनदेखा कर रहे हैं।

साकिब अनवर

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