नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 22 बैठक में कई अहम फैसलों के साथ कई सुधार के प्रस्ताव लिए गए हैं। जिसमें कंपोजीशन स्कीम की लिमिट बढ़ाने से लेकर रिटर्न को दाखिल करने की प्रक्रिया खासकर छोटे व्यापारियों के लिए आसान करने के साथ कई वस्तुओं की टैक्स दरों में कमी लाने के बारे में हैं। जुलाई में वन नेशन वन टैक्स की बात कर सरकार ने जीएसटी को लागू कर दिया लेकिन विसंगतियों के कारण लगातार इसमें सुधार किया जा रहा है।
छोटे व्यापारियों के लिए- छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में बड़ा लाभ मिला है। काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम के अन्तर्गत आने वाले मुनाफे की सीमा 1 करोड़ तक बढ़ा दी है। पहले यह सीमा 75 लाख रूपए तक ही थी। इसके साथ ही इस स्कीम में टैक्स रेट को कम कर दिया गया है। इस स्कीम में व्यापारियों को अब 2 फीसदी ही टैक्स देना होगा।
रिटर्न फाइलिंग में सुविधा- अब तक जीएसटी लागू होने के बाद GSTR-1, GSTR-2 और GSTR-3 तीन फार्म हर महीने भरने होते थे। लेकिन अब से ये तीन फार्म तिमाही भरने होंगे। लेकिन अभी टैक्स का भुगतान हर महीने के हिसाब से करना होगा। यह रातह केवल छोटे व्यापारियों को दी गई है।
एक्सपोर्टर का ई-वॉलेट- सरकार ने आने वाले 1 अप्रैल 2018 से निर्यातकों के लिए ई-वॉलेट प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है। इस प्रणाली को लागू करने के पहले अब सरकार तैयारी में लगी है। इसके तहत अब हर एक्सपोर्टर का एक ई वालेट बनाया जाएगा। जिसमें एक एडवांस रिटर्न के लिए रकम तय की जायेगी। इसके साथ ही वर्तमान में देश के सभी निर्यातकों को 10 अक्टूबर तक टैक्स रिफंड कर दिया जायेगा। इसके साथ ही नियार्त पर अब 0.1 फीसदी का जीएसटी लागू होगा।
कई वस्तुओं की टैक्स दरों में सुधार- काउंसिल ने करीब 27 वस्तुओं के टैक्स की दरों में संसोधन कर सुधार प्रस्तुत किया है। इसमें आम, खाखरा, आयुर्वेदिक दवाएं, स्टेशनरी के कई सामान, हाथ से बने धागे, प्लेन चपाती, आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट, अनब्रैंडेड नमकीन, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाएं, डीजल इंजन के पार्ट्स, दरी , प्लास्टिक वेस्ट, रबर वेस्ट, पेपर वेस्ट, और मैन मेड यार्ड आदि को शामिल किया गया है।
एसी रेस्टोरेंट में खाना हो सकता है सस्ता- काउंसिल की मीटिंग में एसी रेस्टोरेंट में खाने पर लगे 18 फीसदी जीएसटी को कम करने की बात कही गई ऐसे में वित्त मंत्री ने मंत्री समूह से इस मामले में 14 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। अभी तक 18 फीसदी टैक्स लगता है। इस टैक्स की दर और स्थिति का आकलन करने के बाद सरकार इसे कम कर 12 फीसदी तक कर सकती है।
कंपोजीशन प्रणाली वाले निर्माता और ट्रेडर को पड़ेगा टैक्स- इस प्रणाली के तहत कारोबार चलाने वालों को अब से 2 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। इसके अंतर्गत आने वाले रेस्तरां को भी 5 फीसदी टैक्स भुगतान करना पड़ेगा। हांलाकि इस स्कीम वालों को तिमाही रिटर्न भरना होगा। इसके साथ ही इस स्कीम के ट्रेडर्स को 1 फीसदी टैक्स पड़ेगा।
50 हजार के ऊपर की ज्वैलरी की खरीद पर बड़ी राहत- काउंसिल ने सर्राफा कारोबारियों का बड़ी राहत देने के साथ उनके ग्राहकों को भी राहत दे दी है। अब 50 हजार से ऊपर की ज्वैलरी की खरीद पर पैन कार्ड नहीं देना होगा साथ ही सरकार को अब इसकी कोई जानकारी नहीं देनी होगी। ज्वैलरी खरीद के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों का विस्तार देने वाली अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है।
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म स्थगित- सरकार ने ई-वे बिल और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को फिलहाल स्थगित करते हुए कहा है कि अभी लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए इसमें दिक्कतें आ रही है। अब इसे जनवरी से लागू किया जाएगा। जिससे यह मार्च-अप्रैल तक पूरी तरह से लागू हो जायेगा।