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Whatsapp, Email और SMS से भी FIR दर्ज करने पर करें विचार: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि पुलिस एसएमएस, ईमेल, और वाट्सएप के माध्यम से मिली गुमशुदगी व अपरहण की शिकायतों को दर्ज करने पर विचार करे। इससे समय बचने के साथ ही जल्द ही मामले की जांच शुरू करने में मदद मिल सकेगी। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सलाह दी है। पति के अपहरण बाद एक महिला ने कोर्ट में शिकायत देकर पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाया था। इसे कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। इसके बाद पिछली तारीख पर यह मामला रिकॉर्ड पर लिया गया था।
महिला ने हाई कोर्ट को भेजे अपने शिकायती पत्र में लिखा था कि उसके पति का अपहरण 4 अगस्त 2018 को मटरू व उसके साथियों ने किया था। इसकी जानकारी पीड़ित महिला ने लगातार दिल्ली पुलिस आयुक्त को दी थी, लेकिन इस मामले में रिपोर्ट चार महीने बाद दिसंबर माह में दर्ज की गई। बेंच ने पिछली तारीख पर टिप्पणी की थी कि व्यक्ति को ट्रेस करने में पुलिस की लापरवाही के कारण देरी हुई। पीठ ने 26 मार्च को मामले की जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी।
क्राइम ब्रांच ने मामले में दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा के माध्यम से स्थिति रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि पीड़ित को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से 13 कदम उठाए गए। पुलिस गुमशुदा बच्चों और अपहृत व्यक्ति के मामलों की जांच के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। बेंच ने क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट को देखने के बाद कहा कि गुमशुदगी के मामले में SMS, Email और Whatsapp पर मिली शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने पर विचार करें। यह अदालत का सुझाव है और उम्मीद है कि ऐसे मामलों की जांच में इससे तेजी आएगी।
पीठ ने इसके साथ ही क्राइम ब्रांच डीसीपी को निर्देश दिया कि छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि इस मामले की जांच प्रक्रिया कहां तक पहुंची है। मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

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