नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि हिंदू मुझे मुसलमान तो मुसलमान मुझे हिंदू समझते हैं। इससे पहले फारूख ने कहा कि कश्मीर समस्या का हल जरूर निकलेगा, लेकिन ये कब निकलेगा ये सिर्फ ऊपर वाले को पता है। उन्होने कहा कि हमे गुलाम कश्मीर को वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकियों की घुसपैछ बंद वहीं से हो सकती, अमन और शांति कामय करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ही एकमात्र रास्ता है क्योंकि बिना बातचीत के कश्मीर में अमन स्थापित नहीं हो सकता।
फारूख ने कहा कि कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। हमें धर्मों को जोड़ने की बात करनी होगी और बांटने की राजनीति से बचना होगा। पत्थरबाजों के मसले पर बोलते हुए कहा कि मेरे पास उनको रोकने की ताकत नहीं है। हालांकि सवालिया लहजे में पूछा कि भारत, पाकिस्तान से बात क्यों नहीं कर सकता? कश्मीरी पंडितों के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी वापसी कश्मीर में जरूर होगी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं मुसलमान हूं, पर न जानें क्यों मुझे राम से बहुत लगाव है। फारूक ने एक भजन गुनगुनाया, जो कुछ इस प्रकार है-:
‘मोरे राम…जिस गली गयो मोरे राम, जिस गली गयो मोरे राम,
मोरा आंगन, सुना-सुना, जिस गली गयो मोर राम,
मोरे श्याम, जिस गली गयो मोरे राम,
सखी-सखी ढूंढो कहां गयो मोरे राम।