नई दिल्ली। दिल्ली की आवो हवा धूल भरे तूफान की वजह से खराब हो गई है। यह बुधवार से शुरू हुआ है और इसके शुक्रवार तक बने रहने की संभावना है। सांस से जुड़े रोग वाले लोगों के लिए, क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव एयरवेज डिजीज (सीओएडी) या एम्फिसीमा में धूल की मात्र में थोड़ी भी बढ़ोतरी उनके लक्षणों को खराब बना सकती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
धूल के कणों के काफी बारीक होने से सांस में जाने से आंखों में जलन, खांसी, छींक, बुखार और अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। धूल के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से शिशुओं, छोटे बच्चों और बुजुर्ग लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने की संभावना है।
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धूल की चादर
एनसीआर में दो दिन से अचानक से गर्मी और धूल में बढ़ोतरी देखने को मिली। यह धूल राजस्थान, ईरान और अफगानिस्तान से हवाओं के जरिए आई। यहां तक कि गुरुवार को एनसीआर पर धूल की चादर बनी रही और न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह मौसम के औसत तापमान से पांच डिग्री ऊपर रहा।
धूल के कणों को अपने में समेटा
उच्च पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) राजधानी में 10 स्तर पर रहा। यह तेज हवा की रफ्तार की रफ्तार की वजह से रहा, जिसने पड़ोसी राजस्थान से धूल के कणों को अपने में समेट लिया। दक्षिणी दिल्ली के आरकेपुरम इलाके में रियल टाइम हवा गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार की सुबह 999 स्तर के पार चला गया।