Holika Dahan 2023: होलिका दहन के दूसरे दिन पूरे देश में होली खेली जाती है. जबकि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है।
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माना जाता है कि होलिका की अग्नि की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। इस साल होलिका दहन का त्योहार 7 मार्च 2023 को मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि-
होलिका दहन मुहूर्त
- होलिका दहन मुहूर्त : 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
- अवधि : 2 घंटे 27 मिनट
- होली- 8 मार्च 2023
होलिका दहन की पौराणिक मान्यताएं
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, हिरण्यकशिपु का ज्येष्ठ पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था. पिता के लाख कहने के बावजूद प्रह्लाद विष्णु की भक्ति करता रहा। दैत्य पुत्र होने के बावजूद नारद मुनि की शिक्षा के परिणामस्वरूप प्रह्लाद महान नारायण भक्त बना।
असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की भी कई बार कोशिश की परन्तु भगवान नारायण स्वयं उसकी रक्षा करते रहे और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी।
होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई. दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल गई। इस प्रकार हिन्दुओं के कई अन्य पर्वों की भाँति होलिका-दहन भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।
पूजन विधि
- होलिका दहन की पूजा और उसमें अग्नि प्रज्जवलित हमेशा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।
- होलिका दहन की पूजा के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा में मुंह करके होलिका को जल, रोली, अक्षत, फूल, पीली सरसों, गुलाल और मिष्ठान अर्पित करें।
- नई फसल यानी कि गेहूं और चने की बालियां चढ़ाएं।
- इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा करें।