हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने अपना सीएम ढूंढ लिया है ।
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लंबे सस्पेंस के बाद कांग्रेस हाईकमान ने नादौन से विधायक और हिमाचल के कद्दावर नेता सुखविंदर सुक्खू के नाम पर मोहर लगा दी है और उन्हें हिमाचल प्रदेश के 15वें सीएम के रूप में चुन लिया है ।
कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू ?
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हुआ था । सुक्खू का जन्म नादौन के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ । उनके पिता का नाम रसील सिंह था जो पेशे से किसान व छोटे कारोबारी थे। सुखविंदर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा नादौन में हुई । सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर हैं और उनकी दो बेटियां हैं । सुखविंदर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की ।
छात्र नेता के तौर पर शुरू की राजनीति
हिमाचल कांग्रेस के सातवें सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत एक छात्र नेता के रूप में उस समय की थी जब वे सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में छात्र थे । सुखविंदर सिंह सुक्खू कॉलेज छात्र संघ महासचिव और अध्यक्ष रहे । संझौली में कॉलेज के दौरान वर्ष 1981 में क्लास रिप्रेजेंटेटिव बने सुक्खू ने अगले साल कॉलेज छात्र युनियन के महासचिव व उसके अगले साल युनियन अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और उन्हें लगातार जीत हासिल हुई। वे कानून की पढ़ाई के दौरान वर्ष 1985 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अपने विभाग के रिप्रेजेंटेटिव चुने गये। इसके अलावा वो 1989 से 1995 के बीच एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रहे । इसके बाद 1999 से 2008 के बीच वे युवा कांग्रेस के प्रमुख रहे । उन्होंने वरष 1992 में शिमला नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव लड़ा और लगातार दो बार विजयी हुए। वर्ष 2008 में उन्हे प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया जिसपर वे चार साल तक रहे। वर्ष 2013 की शुरुआत में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू दो बार शिमला नगर निगम पार्षद भी चुने गए थे । वे 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख के पद तक पहुंचे और 2019 तक राज्य इकाई के प्रमुख बने रहे । 2003, 2007 और 2017 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से सुखविंदर विधायक चुने गए ।
4 बार पहुंचे विधानसभा
वर्तमान समय की बात करें तो सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस कैंपेन कमेटी के प्रमुख रहे। वे हिमाचल में रिकॉर्ड पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं। इस बार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विजय अग्निहोत्री को 3,363 वोटों के अंतर से हराया।