अमरीश पुरी बॉलीवुड का ऐसा एक्टर जो विलेन बनकर हीरो पर भारी पड़ता था। अमरीश पुरी का आज के ही दिन 1932 में जन्म हुआ था। अमरीश पुरी एक साधारण घर में जन्में थे और बीमा कंपनी में काम करके अपना गुजारा करते थे। 40 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर उन्होंने फिल्मों में कदम रखा।
दमदार आवाज के मालिक थे अमरीश पुरी
जा समिरन जी ले अपनी जिंदगी, मोगैंबो खुश हुआ जैसे डॉयलॉग अमीश पुरी के आज भी लोगों के जुबान पर रहते है। अमरीश पुरी को बॉलीवुड का सबसे बेहतर और बेस्ट विलेन माना जाता है। अमरीश पुरी की दमदार आवाज और लंबा चौड़ा शरीर उनके अभिनय में चार चांद लगा देता था।
थियेटर से की थी शुरूआत
अमरीश पुरी ने अभिनय की शुरूआत थियेटर से की थी। थियेटर के एक्टर तो तौर पर अमीश पूरी का काफी नाम था। थियेटर में मशहूर होने के बाद भी उन्हे फिल्म इंड्रस्टी में काफी स्ट्रगल करना पड़ा था। अमरीश पुरी ने 1971 आई फिल्म रेशमा और शेरा में काम किया। इस फिल्म ने अमरीश पुरी को मशहूर करने का काम किया। बस इसके बाद अमरीश पुरी का एक्टिंग कैरियर चल पड़ा और उन्होने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
आज भी बोले गए डॉयलाग लोगों की जुबान पर
आदित्य चोपड़ा की फिल्म दिल वाले दुल्हनियां ले जाएगे ने कई इतिहास रचे। इस फिल्म में अमरीश पॉजिटिव रोल में थे। विलेन के रोल में धाक जमाने के बाद अमरीश पुरी ने पॉजिटिव रोल में भी जान फूंक दी थी। अमरीश पुरी का फिल्म का डॉयलाग जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी आज भी लोगों की जुबान पर रहता है।
मुगैंबों खुश हुआ बोलकर डराया
अनिल कपूर की फिल्म मिस्टर इंडिया में भी अमरीश पुरी ने विलेन का किरदार अमर कर दिया था। अमरीश का फिल्म में एक डॉयलाग मुगैंबों खुश हुआ। अभी तो इस डॉयलाग को याद किया जाता है।
दिमाग की नस फटने की वजह से हुई मौत
22 जनवरी 2005 को इस सदाबहार अभिनेता की मौत हो गई थी। अमरीश की मौत उनकी दिमाग की नस फटने के कारण हुई थी।