बढ़ते बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार योगाभ्यास काफी फायदेमंद होता है। अगर 8 साल के उम्र के बाद बच्चों की दिनचर्या में सूर्य नमस्कार शामिल किया जाए तो इससे उनका शारीरिक और मानसिक दोनों का ही बेहतर तरीके से विकास होता है।
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ऐसे में अगर आपके घर में 8 से 10 साल के बच्चे हैं तो उन्हें आप जरूर सूर्य नमस्कार सिखाएं और इसके महत्व को बताएं।
सीधे खड़े हो जाएं और कमर पर हाथ रखकर एक बार पंजा और एक बार एड़ी पर खड़े हों। ऐसा 20 बार करें । अब एक पैर को उंचा उठाते हुए पीछे की तरफ ले जाएं । फिर पैर को उसी तरह आगे लाएं । ऐसा 20 बार करें।
अब ताड़ासन की मुद्रा में आएं और उंगलियों को इंटरलॉक कर हाथों को कान से सटाकर उपर ले जाएं और उपर की तरफ स्ट्रेच करें। 10 तक गिनें।
खड़े जो जाएं पैरों के बीच गैप रखते हुए एक हाथ को उपर उठाएं और दाहिनी तरह इनहेल करते हुए झुकें और एक्सेह करते हुए बाए ओर झुकें। ऐसा 10 बार करें।

अब पैरों को दोनों तरह फैलाएं और दाहिने और बाएं तरफ एक के बाद एक झुकें और पैरों को छूने की कोशिश करें। ऐसा 10 बार करें । अब सिर को जमीन पर रखकर कुछ देर स्ट्रेच करें। फिर पीछे की तरह झुकें । 10 तक गिनें।
जिनकी कमर में दर्द रहता है वे पूरी तरह झुकने से बचें और यदि घुटने में दर्द है तो अश्वसंचालन आसन करने में सावधानी बरतें।
प्रणामासन
मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और सबसे पहले सहज मुद्रा में प्रणाम करें। प्रणाम की मुद्रा में सूर्य को ध्यान करें। अपने दोनों पैरों को मिला कर रखें। अपनी कमर और गर्दन को सीधी रखें।
हस्तउत्तनासन
इनहेल करते हुए अपने दोनों हाथों को कान से सटाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं। हाथों को प्रणाम की मुद्रा में ही पीछे की तरफ हल्का झुकें।
पादहस्तासन
सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों को छूना चाहिए।
अश्व संचालनासन
सांस लेते हुए दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं। इस पैर का घुटना जमीन से छूना है । इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें। अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें।