गोरखपुर और फर्रुखाबाद में बाद में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के बाद भी हरदोई में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों की आंखें नहीं खुल रही है। यहां पर ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर लाखों रुपये खर्च हो जाने के बाबजूद भी पुरानी तरह से मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा है। जो कि दिन एक बड़ी अनहोनी की तरफ इशारा कर रहा है। मगर फिर भी जिम्मेदारों की आंख नहीं खुल रही है।
हरदोई जिला अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट को सिर्फ अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए चला दिया जाता है। जब से ये ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में लगा है। इस ऑक्सीजन प्लांट से एक मरीज तक को ऑक्सीजन नहीं दी जा सकी है। क्योंकि ये हमेशा खराब पड़ा रहता था। और वार्डों में गई ऑक्सीजन प्लांट की सप्लाई के पाइप और ऑक्सीजन पॉइंट भी कबाड़ हो चुके हैं।
इस कारण मरीजों को पुरानी तरह से ऑक्सीजन दिया जा रहा है। प्लांट में लगे लाखों रुपए कमीशन बाजी की भेंट चढ़ गए। गोरखपुर में हुए कांड के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट की धूल साफ करा कर इसे चालू करा दिया। लेकिन वो भी फर्जी तरह से चलता रहता है। लेकिन उससे किसी भी मरीज को ऑक्सीजन नहीं दी जाती है। सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए उसे चालू करा दिया जाता है।