एजेंसी, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटने के मामले में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को पांच दिन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पांच दिन का कारावस पूरा हो जाने के बाद आज सुबह उन्हे जेल से रिहा कर दिया गया।
आकाश विजयवर्गीय का कहना है कि ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था। मैं कुछ और करने के बारे में नहीं सोच सकता था, लेकिन मैंने जाकिया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं और मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर ना दें।। उन्होंने कहा कि जेल में उनका अच्छा समय बीता। और मैं अपने क्षेत्र और जनहित के विकास कार्य करता रहूंगा।
जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, “शनिवार को लॉक-अप के शाम सात बजे के नियत समय तक हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला था। लिहाजा जेल मैन्युअल के मुताबिक हम उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं कर सकते थे।” उन्होंने बताया कि विजयवर्गीय जिला जेल में न्यायिक हिरासत के तहत बुधवार देर शाम से बंद थे। जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को कारागार के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किये जाने को “लॉक-अप” करना कहा जाता है। आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया गया था।
न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान भाजपा विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की अगुवाई में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था।