अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को पाटीदार आरक्षण के अगुआ हार्दिक पटेल को उनके खिलाफ दायर आखिरी मामले में भी जमानत दे दी। करीब 10 माह तक जेल में रहने के बाद उनकी रिहाई की जमीन तैयार हो गई है।
हार्दिक को राजद्रोह के दो मामलों और आरक्षण आंदोलन के दौरान विसनगर के भाजपा विधायक हृषिकेश पटेल के कार्यालय एवं सरकार की अन्य संपत्तियों पर हमला करने के मामले में जमानत मिल चुकी है।
हार्दिक ने विसनगर अदालत के जमानत देने से इनकार करने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस अपील पर सोमवार को सुनवाई हुई। 23 वर्षीय पटेल नेता को इस शर्त पर जमानत मिली है कि वह छह माह तक गुजरात से दूर रहेंगे। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति(पीएएएस) ने दावा किया कि पटेल संभवत: अगले छह माह तक उत्तर प्रदेश में रहेंगे जहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
देश की सर्वाधित आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कुर्मी को गुजरात के पटेलों के बराबर माना जाता है और वे चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हार्दिक पटेल की रिहाई का उनके समर्थकों व परिवार के सदस्यों ने अहमदाबाद में उच्च न्यायालय के बाहर, उनके गृह नगर विरामगाम, विसनगर और सूरत शहर में आतिशबाजी और नारेबाजी करके स्वागत किया।
(आईएएनएस)