दशकों से दिल्ली में खुदरा शराब का कारोबार करने वाली दिल्ली सरकार अब इससे पूरी तरह बाहर होने जा रही है। दिल्ली सरकार अब शराब के कारोबार से बाहर हो जाएगी। अब दिल्ली में नई नीति के तहत शराब मिलेगी। अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक शराब को लेकर नई व्यवस्था को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है। हर ज़ोन में 27 शराब की दुकानें हैं, इन दुकानों का मालिकाना हक़ ज़ोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया है।
बता दें कि जो भी शराब का कारोबार करेंगे उन आवेदकों को लाइसेंस दिया जा चुका है। लेकिन नई नीति के तहत केवल 350 दुकाने ही खोली जाएंगी। जबकि 850 को लाइसेंस दिया जाना था। नई नीति को लेकर लोगों का कहना है कि दिल्ली में आने वाले दिनों में शराब की कमी हो सकती है। क्योंकि दुकानों के पास अभी सिर्फ प्रोविजनल लाइसेंस ही है। खबर के मुताबिक जिन दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। वह संचालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ”ज़्यादातर दुकानों में अब तक इंटीरियर का काम चल रहा है या फिर उनके पास स्टॉक अब तक नहीं पहुँचा है। ऐसे में नई आबकारी नीति का असर दिखने में कुछ हफ्ते लग जाएंगे।
वहीं बता दें कि थोक बाजार में अब तक लगभग 10 थोक लाइसेंसधारियों के साथ 200 से अधिक ब्रैंड पंजीकृत किए जा चुके हैं. इन लाइसेंसधारियों ने विभिन्न ब्रैंडों की 9 लाख लीटर शराब की शुरुआती ख़रीद के साथ परिचालन शुरू कर दिया है. नए बदलाव के साथ सब कुछ स्थिर होने में क़रीब 2 महीने लगेंगे। ‘मंगलवार को सरकार की ओर से संचालित शराब की दुकानों का आख़िरी दिन है. इस साल की शुरुआत में नई आबकारी व्यवस्था को मंज़ूरी मिलने तक, दिल्ली में 849 शराब की दुकानें थीं, जिनमें से 60% दुकानों का संचालन सरकारी और 40% दुकानों का संचालन निजी हाथों में था।