गोरखपुर। यूपी में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के बाद इसकी जांच रिपोर्ट सीएम योगी के हाथों में चली गई है। जिसके बाद से ही सीएम योगी दोषियों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रहे हैं। ऐसे में बुधवार की देर रात इस मामले को भी दर्ज कर लिया गया है। यह मामला हजरतगंज थाने में दोषियों के खिलाप धारा 308, 420, 120बी, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत 6 धाराओं दर्ज किया गया है।
सीएम योगी ने इस मामले को मुख्य सचिव राजीव कुमार को जांच करने के निर्देश दिए थे। संबंधित मामले की जांच रिपोर्ट सोमवार को सीएम कौ सौंपी गई थी। सरकार ने बुधवार को इस मुद्दे पर एक बयान जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि बच्चों की मौत मामले में अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के संचालकों, प्रधानाचार्य डॉ राजीव मिश्रा तथा उनकी पत्नी सहित कर्मचारियों और डॉक्टरों के नाम को दर्ज किया गया है।
सीएम योगी के पास इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर कफील खान और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे राजवी मिश्रा समेत 6 पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दे दिए गए हैं।कफील खान पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप दर्ज किया गया है। डॉक्टर कफील खान को इस मामले में दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी में कमीशनखोरी का भी मामला उजागर किया गया है। जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स कंपनी को 68 लाख रुपए का भुगतान किया जाना था लेकिन कमीशनखोरी के कारण इसका भुगतान नहीं हो पाया था।
आपको बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई सारे बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों की मौत होने के बाद प्रशासन में पड़कंप मच गया था। बच्चों की मौत को आधार बना कर विपक्षियों ने योगी सरकार की जनकर निंदा की थी। बच्चों की मौत होने का कारण अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को बताया जा रहा था। लेकिन योगी सरकार का कहना है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। फिलहाल सीएम योगी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों पर सख्त रवैया अपना लिया है।