featured यूपी

वैश्विक महामारी ने छीना रोजगार, तो मंदी में बिकवा दिए जेवर

वैश्विक महामारी ने छीना रोजगार, तो मंदी में बिकवा दिए जेवर

लखनऊ: कोविड की दूसरी लहर सिमटने के बाद शहर भले ही डेढ़ महीने बाद अनलॉक हो गया है, लेकिन इसका खामियाजा मध्यमवर्गी परिवार को अलग-अलग तरीके से चुकाना पड़ा रहा है। ऐसे में सर्राफा बाज़ार पारदर्शी शीशे के पीछे सोने की चमक और बाजार भाव में रोजाना आसमान छू रहा है। इसके बावजूद सर्राफा बाज़ार ग्राहकों की कमी झेल रहा है। अनलॉक में ज्यादातर लोग सोन और चाँदी के गहने खरीदने की जगह बेचने पहुंच रहे हैं। वजह लोग आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहे हैं। इससे उबरने के लिए वो लगातार कोशिश कर रहें। हालांकि, सर्राफा कारोबारी भी यह मानते हैं कि मौजूदा समय में लोगों पैसे की कमी है। इसलिए जेवर खरीदने वालों से ज्यादा गहने बेचने वाले ग्राहक आ रहें।

गौरतलब है कि, राजधानी में लाखों की तादाद में मध्यमवर्गीय परिवार ऐसे है, जो प्राइवेट संस्थानों के अलावा खुद का व्यवसाय कर अपने परिवार के साथ गुजारा करते हैं । कोविड की दूसरी लहर के कारण डेढ़ महीने पहले काम-धंधा छोड़कर यह लोग अपने घरों में कैद तो रहे, लेकिन घर खर्च बदस्तूर जारी रहा। जिससे पूरा करने के लिए किसी ने पड़ोसी से उधार लिया, तो किसी ने रिश्तेदारों से मदद मांगी। अब ये सहारे भी कम पड़ने लगे है। अनलॉक में इन परिवारों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। हालातों से बेबस हो चुके लोग अब अपने जेवर गिरवी कर रहे हैं । या फिर गोल्डलोन की मदद ले रहे हैं।

गिरवी कर रहे जेवर

चौक  सर्राफा असोसिएशन के महामंत्री विनोद माहेश्वरी ने बताया कि पिछले दो महीने में सोना करीब सात हजार रुपए प्रति 10 ग्राम महंगा हुआ था । होली में सोना 42 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम था। मौजूदा समय करीब 48 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है। तो गांव की तुलना में शहर के लोग अधिक संख्या में सोना बेच रहे हैं । अनलॉक के  पहले दिन सोने के गहने बेचने वालों की संख्या खरीदारों से ज्यादा है। तो वहीं लखनऊ सर्राफा असोसिएशन के संगठन मंत्री आदीश जैन ने बताया कि ऊंची कीमत पर कुछ लोग मुनाफा भी कमा रहे हैं। मौजदा समय में ऐसे कई बेबस लोग आए है। जो कोरोना काल से निपटने के लिए अपने पास कुछ रकम रखना चाहते हैं।

सरकार से मदद की दरकार

देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर नहीं पायी है। ऐसे में यूपी सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जोरशोर से कवायद कर रही है। अनलॉक के बाद भी कोविड का खतरा टला नही हैं। इसके लिए योगी सरकार आर्थिकमंदी का शिकार हो चुके लोगों को रोजगार मुहैया कराने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि इस महामारी ने लाखों लोगों को रोजगार से महरुम कर दिया है। कई परिवारों की जमापूंजी इस भयावाह संक्रमण ने निगल ली। या फिर बिना रोजगार के घर पर बैठे लोगों ने जिम्मेदारियों को निभाने में सपनों की जमा पूंजी खर्च कर दी।

पहचान उजागर करने में कर रहे संकोच

रत्नराशि ज्वेलर्स के मालिक शुभचंद्र जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण से मध्यमवर्गीय तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अनलॉक के पहले दिन 10 से 12 पुराने ग्राहक अपने गहने बेचने और उन्हे गिरवी रखने आए। लाला हीरालाल एंड संस के मालिक अमित ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने इस वक्त लोगों को आर्थिक रुप से कमजोर कर दिया है। रोजगार छिन जाने के कारण लोग बेरोजगार हो चुके हैं। बाज़ार खुलने पर लोग जेवर बेचने आ रहे हैं। बाला जी ज्वेलर्स के मालिक सचिन अग्रवाल ने बताया अनलॉक के पहले दिन मध्यमवर्गीय परिवार का दुख समझ में आ रहा है। बेरोगार हो चुके लोग फिर से कमाई का जरिए तलाश रहे है। पैसों की कमीं के चलते लोग अपने पुश्तैनी बेचने आ रहे हैं।  सोना ज्वेलर्स के मालिक विनोद वर्मा ने बताया कि अनलॉक पहले दिन जेवर गिरवी रखने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों की संख्या देखने को मिली। हालांकि, समाज में बदनामी के डर कुछ लोग अपनी पहचान उजागर करने में भी संकोच करते हैं।

Related posts

विधानसभा में विधायकों से मिलेंगी मीरा कुमार

Srishti vishwakarma

आईएस लोगों को अकेले हमले के लिए उकसा रहा: ओबामा

bharatkhabar

चप्पल कांड पर बोले गायकवाड़, कर्मचारी ने खुद को बताया एयर इंडिया का बाप

shipra saxena