नई दिल्ली। देश को उसका 14 वां राष्ट्रपति मिल गया है रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति चुने गए कोविंद को 7 लाख 2 हजार 44 वोट और विपक्ष की मीरा कुमार को 3 लाख 67 हजार 314 वोट मिले है। 1 अक्टूबर 1945 को यूपी के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में जन्मे कोविंद ने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर की थी।
रामनाथ कोविंद अपने दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे उठकर एक घंटा सैर से करते हैं। सैर के बाद वो एक घंटा योग भी करते हैं। योग करने के बाद कोविंद आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनते हैं। ठीक 10 बजे कोविंद राजभवन में बैठते हैं। यहां वो उनसे मिलने आए लोगों से बातचीत करते हैं। जो भी उनसे मिलने की इच्छा जाहिर करता है कोविंद उससे जरूर मिलते हैं। कोविंद शाकाहारी होने के साथ-साथ बिना मसालों और कम तेल का भोजन पसंद करते हैं। चाय भी वो बिना शक्कर वाली ग्रीन टी ही पीते हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के लिए चुने जाने पर रामनाथ कोविंद को दी बधाई। मीरा कुमार को भी लोकतंत्र के तहत किए गए प्रयास के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट की रामनाथ कोविंद के साथ की 20 साल पुरानी तस्वीर।
20 years ago and the present…always been a privilege to know you, President Elect. pic.twitter.com/IkhnOtYf8N
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2017
कोविंद को लगा उनका राजनीतिक करियर हो जाएगा खत्म
कानपुर के जवाहर नगर में दवाइयों का काम करने वाले डॉ पीएन दीक्षित रामनाथ कोविंद के बेहद करीबी दोस्तों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कोविंद उरई से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे टिकट तय हो चुका था लेकिन अचानक पार्टी ने टिकट काट दिया उस समय पीएम मोदी ने कहा था कि अब आप सीनियर हो गए है इसलिए आपको दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी।
दोस्त को थप्पड़ खाते देख खेत के मालिक से भीड़े कोविंद
उनके दोस्तों से पता चला कि 5वीं के बाद वो सभी मस्ती करते हुए 6 किमी दूर खानपुर गांव में पढ़ने जाते थे इसके लिए उन सभी को दो घंटे पहले स्कूल जाने के लिए घर से निकलना पड़ता था।
रास्ते में कुछ लड़के गन्ने के खेत से गन्ना तोड़ लिया करते थे एक दिन खेत का मालिक खेत में ही था जब एक दोस्त ने गन्ना तोड़ा तो मालिक ने देख लिया और उनके दोस्त को थप्पड़ जड़ दिया इस बात को लेकर कोविंद खेत के मालिक से भीड़ गए।
इस खेल में अव्वल थे रामनाथ कोविंद
बचपन में रामनाथ को टीप मारने और आंख मिचौली वाला खेल बहुत पसंद था। वे अक्सर स्कूल में इंटरवल के समय हम दोस्तो के साथ यही खेल खेलते थे। कई बार तो ऐसा होता था कि टीप मारने के खेल में रामनाथ ही सबसे आगे रहते थे।
पैसे न होने की वजह से केलते थे कपड़े की गेंद से
रामनाथ कोविंद के एक दोस्त ने कहा कि हमारे पास पैसे नहीं थे जिसके वजह से हम कपड़े की गेंद से केला करते थे कपड़े की गेंद होने की वजह से हम सब को बहुत जोर लगाकर एक दूसरे को मारना पड़ता था।
चौपाई की अंताक्षरी में दोस्तो को हराते थे रामनाथ
रामनाथ कोविंद बचपन में अंताक्षरी खेला करते थे घर के बगल में रहने की वजह से गांव में रहने वाले दोस्त उनके घर आते जाते रहते थे कोविंद जी के पिता मैकूलाल के बगल में बैठकर सब रामायण की चौपाई अंताक्षरी खेलते थे रामनाथ को आज भी रामायण की चौपाई याद हैं।
गणित के टीचर ने रामनाथ कोविंद को दी सजा
गणित के टीचर ने कोविंद को सजा दी थी रामनाथ कोविंद पढ़ाई में तेज थे, इसलिए टीचर ने उन्हें लगातार 5वीं क्लास तक मॉनिटर बनाकर रखा था। एक बार कोविंद कॉपी लाना भूल गए। उस दिन मैथ्स के टीचर ने कहा कि अब तुम्हारी सजा है कि तुम अपना पूरा होमवर्क ब्लैकबोर्ड पर करके दिखाओ।
कोविंद को सम्मानित करने के लिए गांव वालों ने इकट्ठा किए 1-1 रुपए के सिक्के
जब रामनाथ कोविंद पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने तो उनको सम्मानित करने के लिए गांववालों ने पखौरा गांव में एक प्रोग्राम किया इसमें कोविंद भी पहुंचे कोविंद को उनके वजन के बराबर तौलने के लिए गांववालों ने 1रुपए के 81 किलों सिक्के इकट्ठा किए थे साथ ही चांदी के 11 मुकुट रखा गया था लेकिन जब उन्हें ये बात पता चली तो उन्होंने खुद को तौलने और मुकुट लेने से मना कर दिया।
सृष्टि विश्वकर्मा