जर्मनी के राष्ट्रपति वाल्टर स्टेनमेन गुरुवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं। यहां से वो काशी जाएंगे इस दौरान वो भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ के अलावा गंगाघाटों का अवलोकन करेंगे। महज 10 दिनों के अंदर दूसरे राष्ट्राध्यक्ष के आगमन को लेकर काशीवासियों में भारी उत्साह है। अभेद्य सुरक्षा के बीच जर्मन राष्ट्रपति के भव्य स्वागत की भी तैयारी है।
इस दौरान बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर गंगाघाट तक 15 हजार सकूल के बच्चे भारत-जर्मनी के राष्ट्रीय ध्वज लहराकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। स्कूली बच्चे शंखनाद से भी उनका स्वागत करेंगे। एनआईए, अर्द्ध सैनिक बल एवं जर्मनी की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले ली है। जिस रास्ते से जर्मन राष्ट्रपति गुजरेंगे, उस रास्ते पर अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की गई है। गंगाघाटों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। बुधवार को सुरक्षा के मद्देनजर ग्रैंड रिहर्सल किया गया।
कार्यक्रम के मुताबिक जर्मन राष्ट्रपति दोपहर बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से सड़क मार्ग से सीधे सारनाथ जाएंगे। सारनाथ में भ्रमण के बाद होटल गेटवे पहुंचेंगे। वहां कुछ देर विश्राम के बाद शाम को वह बीएचयू में छात्रों के साथ संवाद करेंगे। उसके बाद नौकायन के जरिये अस्सी से काशी के ऐतिहासिक घाट देखते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगे। यहां विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल होंगे।
जर्मन राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए बाबतपुर से लेकर गंगा घाट, सारनाथ और बीएचयू के बीच 12 एसपी और 18 एडिशनल एसपी, 30 सीओ, 210 दारोगा, एक हजार सिपाही, 10 कंपनी पीएसी और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जिलाधिकारी ने बुधवार की शाम सारनाथ, बीएचयू और गंगा घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी सुरक्षार्किमयों को स्पष्ट निर्देश दिया कि विदेशी राष्ट्रपति की वापसी के बाद जब तक अगला आदेश न मिले, वे अपने ड्यूटी स्थल से न हटें।