बिहार में बाढ़ और कोरोना का कहर जारी है। कोरोना से तो पहले सी ही लोग पस्त थे अब बारिश ने बची कसर पूरी कर दी है। बाढ़ जैसे हालातों के बीच लोगों का जीवन बद से बत्तर हो गया है।नेपाल से आने वाली नदियां विकराल बनी हुईं हैं। गंडक नदी का जलस्तर 4.40 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है। उधर, कोसी में भी उफान है।
कई जगह तटबंध टूट गए हैं। कोराना संक्रमण की बात करें तो आंकड़ा 30 हजार पार कर गया है। आज कोराना संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का सातवां दिन है। और लोगों के बिगड़ते हालातों का कौन से दिन है शासन प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं है।बिहार में चार दिनों से बारिश जारी है। बारिश के बीच बिजली के कारण बीते 24 घंटे के दौरान 11 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने आज भी बारिश के साथ आकाशीय बिजली का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों के सामने सबसे बड़ा संकट खाने पीन और रहने का है। लोगों के पास कुछ न होने की वजह से वो घोंघे तक खाने पर मजबूर हैं।
बिहार के मोतिहारी में तिलावे नदी का तटबंध टूट गया है, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ आ गया है। बंजरिया प्रखंड में तटबंध टूटा है। तटबंध टूटने के बाद से निचले इलाकों में तेजी से पानी का फैलाव हो रहा है। बाढ़ के पानी से खेत में फसल तबाह हो चुके हैं। कई गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। लोग हैरान-परेशान हैं कि अब क्या करें। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी कोई बचाव कार्य नहीं शुरू किया गया है। इस बीच लोगों को जब कुछ खोने को नहीं मिल रहा है तो वो घोंघे और अन्य चीजे खाकर पेट भर रहे हैं।
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बाढ़ ने लोगों के मौत के मुंह में लाकर खड़ा कर दिया है। बिहार शासन और प्रशासन की तरफ से कोई खास कदम उठाये जाने की वजह से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।