लखनऊ। देश में सरकार द्वारा आए दिन किसी न किसी विषय को लेकर कानून बनाए जाते हैं। लेकिन उन कानूनों को अमल में कम ही लाया जाता है। सरकारों का द्वारा बहुत पहले कहा जा चुका है कि गाड़ी के पीछे जाति लिखने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कोई सख्ती नहीं दिखाई दी। वहीं अब उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि गाड़ी के पीछे जाति लिखने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसी बीच आज लखनऊ में इसका असर दिखाई भी देने लगा है। खनऊ के दुर्गापुरी चौक पर ऐसे ही एक वाहन का चालान काटा गया है। कानपुर नंबर की गाड़ी पर जाति लिखी गई थी, जिसके बाद लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र में पहला चालान काटा गया। यूपी में अब दोपहिया और चौपहिया वाहनों की नंबर प्लेट और विंड स्क्रीन पर अपनी जाति की पहचान के तौर पर कोई स्टीकर नहीं लगाया जा सकेगा और अगर कोई ऐसा करते पाया गया, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
धारा 177 के अंतर्गत चालान होगा-
बता दें कि विभाग द्वारा जारी आदेश में ऐसा पाये जाने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा। प्रदेश में वाहनों पर जाति लिखने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। बता दें कि, महाराष्ट्र के एक शिक्षक ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में खत लिखा था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर तुरंत एक्शन लेते हुये प्रदेश सरकार को ये शिकायत भेज दी थी। यही नहीं अब परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश में अभियान चलाने का आदेश दिया है। विभाग के परिवहन आयुक्त ने इस आदेश को जारी किया है। इस आदेश में साफ किया गया है कि धारा 177 के अंतर्गत चालान होगा या फिर गाड़ी सीज कर ली जाएगी। मुंबई के उपनगर कल्याण के रहने वाले शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस तरफ दिलाया। उन्होंने पीएम मोदी से शिकायत की। अपनी शिकायत में लिखा कि यूपी व कुछ अन्य राज्यों में वाहनों पर जाति लिखकर लोग गर्व महसूस करते हैं। इससे सामाजिक ताने बाने को नुकसान पहुंचता है। यह कानून के खिलाफ है।