ये तो सभी जानते हैं कि भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर सेन्य अधिकारियों के बीच तनाव दिन पर दिन गहराता जा रहा है।
नई दिल्ली। ये तो सभी जानते हैं कि भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर सेन्य अधिकारियों के बीच तनाव दिन पर दिन गहराता जा रहा है। इसी को लेकर आज एक बैठक होने वाली है ये बैठक दोनों देशों के बीच कॉर्प कमांडर स्तर पर होगी जिसमें दोनों देशों के बड़े सैन्य अधिकारी शामिल होगे। ये बैठक लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास होगी। इस बैठक में भारत अपनी तरफ से कुछ प्रस्ताव देने वाला है।
बता दें कि बैठक में भारत इस बात पर ज्यादा जोर देगा कि इलाके में यथास्थिति जारी रखई जाए इसका उलंघन और नहीं होना चाहिए। चीन अपनी सैना को पीछे हटाए और अपनी तोप और बख्तरबंद गाड़ियों को भी पीछे हटने के लिए कहे। दरअसल भारत के कुछ सैनिकों मे कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद भारत ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। उसी के बाद से चीन ने अपनी गंदी हरकत शुरू कर दी और LAC अपनी सेना को बढ़ा दिया था। बता दें कि बैठक में पैंगोंग त्सो पर भी भारतीय सेना का फोकस रहेगा।
पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर चीन की सेना ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की है। वहीं फिंगर 4 इलाकों से भरातीय सेना इसी बात की मांग करेगी कि जो भी चीनी सेना ने अस्थाई शिविर बनाए हैं उनको हटाया जाए। चीन भारत के जिन हिस्सों को विवादित मानता है वहां भारत का सेना निर्माण कार्य करती रहेगी। चीन को इस बात का भी इल्म कराना है।
वहीं भारत और चीन के बीच कई दिनों से गतिरोध और तनाव चल रहा है। भारत और चीन की इस बैठक पर इस वक्त हर किसी की नजर टिकी है। इस विवाद को सुलझाने की कोशिश इससे पहले अमेरिका भा कर चुका है। लेकिन जिस तरह की सलह अमेरिका और अन्य देश दे रहे हैं उस पर न तो भारत तैयार है और न ही चीन, दोनों देश इस को आंतरिक मुद्दा बता चुके हैं।