बेमौसम हुई बरसात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसानों का कहना है कि बेमौसम बरसात ने उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन की ओर से हर गांव में बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद किसानों को 1500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की राशि कम होने से किसानों में नाराजगी है। जिसके चलते सैकड़ों किसान एकत्र होकर यमुना एक्सप्रेस वे पर बैठ गए और उचित मुआवजे की मांग की किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं वे धरने पर बैठे रहेंगे।
बता दें कि बेमौसम बरसात ने किसानों की खेत में खडी फसल को काफी नुकसान पहुँचाया है कई किसानों की पुरी की पुरी फसल बर्बाद हो गई है। जानकारों का कहना है कि अक्टूबर में बारिश नहीं होती है। कई बार हल्फी-फुल्की हो जाती है, जिससे कारण फसल को नुकसान नहीं होता है। लेकिन इस बार दो दिन तक अच्छी बारिश हुई। खेत में ज्यादातर किसानों की धान की फसल खड़ी थी। बारिश की अधिकता इतनी थी कि खेतों में पानी भर गया। इससे खड़ी फसल बर्बाद हो गई। किसानों के सपने पर पानी फिर गया। जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिसको लेकर विभिन्न किसान संगठन लगातार मुआवजा देने की मांग कर रहे है।
वहीं सैकड़ों किसानों यमुना एक्सप्रेस वे पर धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि जबतक को धान का उचित मुआवजा नहीं दिया जाता है। वह अपना धरना प्रदर्शन करते रहेंगे किसानों की मांग है कि उनकी फसल का उन्हें उचित मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि दो दिन तक लगातार हुई बारिश से किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गई। किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि किसानों की मदद करे और उचित मुआवजा दिया जाए।