चंडीगढ़। पंजाब में शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। पंजाब सरकार ने प्रदेश में शराब को सस्ता कर दिया है। दरअसल पंजाब सरकार की नई आबकारी नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद राज्य में शराब की कीमत में 20 फीसदी तक की कमी कर दी गई है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बावजूद पंजाब सरकार ने इस नीति को प्रदेशभर में लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली आबकारी नीति बनाने के समय भी सरकार ने कहा था कि शराब का थोक कारोबार अपने हाथ में लेने के लिए कॉर्पोरेशन बनाई जाएगी, क्योंकि ऐसा न करने से हमारा 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।
वहीं सिद्धू को बिफरता देखकर चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह ने मामला संभाला और कहा कि शराब कॉर्पोरेशन बनाने के लिए समय कम था। इस पर सिद्धू ने कहा कि तो अगले साल तक ये कॉर्पोरेशन बन जाए, उसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन ही कर दिया जाए। नई आबकारी नीति में 84 ग्रुपों को तोड़कर इसकी जगह छोटे ग्रुपों की तरजीह दी है। अब शराब के ठेके नीलामी में लेने के लिए 700 ग्रुप बनाए जाएंगे और कोई भी व्यक्ति दो से ज्यादा ठेके नहीं ले पाएगा। इससे सरकार को 6000 करोड़ रुपये मिलने की आस है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दावा किया है कि शराब के कारोबार में छोटे ग्रुपों के आने से कंपीटीशन बढ़ेगा, जिससे सरकार जहां ज्यादा रेवेन्यू मिलेगी
वहीं, शराब की कीमतें भी 20 फीसद नीचे आएंगी। उन्होंने कहा कि पहले ठेकेदारों को दिया गया निर्धारित कोटा कभी भी पूरा नहीं होता था, जिसके चलते शराब उचंती सिस्टम (बकाया कोटा) के चलते दूसरे जिलों और राज्यों में चली जाती थी। इसके अलावा कीमतें ज्यादा होने के कारण हरियाणा, राजस्थान से स्मगलिंग होने लगती थी। नई नीति के तहत शराब का कोटा भी कम कर दिया है। देसी शराब का कोटा 8.44 करोड़ प्रूफ लीटर से 5.78 करोड़ लीटर, अंग्रेजी शराब का कोटा 3.71 करोड़ लीटर से कम करके 2.48 करोड़ लीटर और बीयर का कोटा 3.22 करोड़ लीटर से 2.57 करोड़ लीटर कर दिया है। ठेकों की गिनती भी 5850 से कम करके 5700 कर दी है।