चंडीगढ़। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए झूठे मामलों की पड़ताल को लेकर गठित जस्टिस महताब सिंह गिल आयोग ने अपनी छठी रिपोर्ट तैयार हो चकी है, जिसे कभी भी सरकार को सौंपा जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में सिमरजीत सिंह मान और पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा सहित कई नेताओं और लोगों को क्लीनचिट दे दिया गया है। रिपोर्ट में सिमरजीत सिंह मान, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा सहित कई नेताओं व लोगों के खिलाफ दर्ज मामले झूठे पाए गए हैं। खैहरा के खिलाफ दर्ज झूठे मामले में आयोग डीएसपी व एचएसओ के खिलाफ कारवाई की सिफारिश भी करने की तैयारी में है।
दरअसल सिमरनजीत सिंह मान ने आयोग को शिकायत दी थी कि उनके खिलाफ पूर्व गृहमंत्री सुखबीर सिंह बादल के इशारे पर देशद्रोह का झूठा केस दर्ज किया गया था। शिकायत में मान ने कहा था कि 10 नवंबर 2015 को अमृतसर के गाव चंबा में हुए सरबत खालसा के दौरान उन्होंने संगत को संबोधित नहीं किया था। न ही देश विरोधी कोई बयानबाजी की थी।
मान ने खुद आयोग के सामने पेश होकर तमाम सबूत सौंपे थे। केस के जांच अधिकारी गुरविंदर सिंह को भी आयोग ने तलब किया था। उन्होंने बताया था कि इस केस में न ही चालान पेश किया गया और न ही मान को गिरफ्तार किया गया है।
जागीर कौर ने की थी खैहरा के खिलाफ शिकायत विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने भी पिछली सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए केस को झूठा बताते हुए मांग की थी कि इसकी पड़ताल की जाए। उनके ऊपर 2007 में केस दर्ज किया गया था।खैहरा ने आरोप लगाया था कि निजी रंजिश के चलते अकाली नेता बीबी जागीर कौर ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाया था। आयोग इस मामले में भी केस रद करने के अलावा तत्कालीन डीएसपी व एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है। खैहरा ने दोषी अधिकारियों से मुआवजा वसूल कर पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने की भी माग की है। इसे भी गंभीरता से लिया जा सकता है।