जेनेवा। बलूचिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान को हर तरफ से शिकस्त का सामना करना पड़ रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में बलूचिस्तान का जिक्र होने के बाद से बलूच नेताओं ने बलूचिस्तान को आजाद कराने को लेकर जहां अपना प्रदर्शन तेज कर दिया वहीं अब पाकिस्तान को यूरोपियन यूनियन में भी मुहं की खानी पड़ी है।
भारत के साथ-साथ अब यूरोपियन यूनियन भी बलूचिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान पर शिकंजा कस रहा है। बलूचिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए यूरोपियन यूनियन ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इसके साथ ही कहा कि बलूचिस्तान में जो कुछ हो रहा है उसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं माना जा सकता।
यूरोपीय यूनियन के वाइस प्रेसिंडेंट रिसजार्ड जारनेकी ने कहा कि अगर हमारे सहयोगी देश मानवाधिकार की कद्र नहीं करते हैं तो हमें उनपर प्रतिबंध के बारे में सोचना होगा। पाकिस्तान के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध है और अगर वो अपना नजरिया नहीं बदलेगा तो हमें उसके साथ अपने रिश्तों को लेकर सोचना पड़ेगा।
बता दें, बलूचिस्तान को आजाद कराने की मांग काफी समय से चल रही है। हाल ही में बलूच नेता बुगती ने भारत से शरण की मांग की है जिस पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा था कि बुगती एक आतंकवादी है इसलिए भारत उसे शरण न दें। वहीं पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी शिकस्त के बाद काफी बौखलाया हुआ है क्योंकि एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति ओबमा ने आतंक को लेकर बिना नाम लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई तो वहीं भारत ने भी उरी आतंकी हमले का जिम्मेदार सीधे तौर पर पाक को ठहराते हुए सख्त कदम उठाने के संकेत दिए है जिसके चलते पाकिस्तान ने गुरुवार देर रात सैन्य अभ्यास कराया।