हेल्थ

आनुवांशिक हो सकता है अकेलापन

Loneliness may be genetic आनुवांशिक हो सकता है अकेलापन

न्यूयॉर्क। अकेलापन खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। 10,000 लोगों पर हुए एक नए अध्ययन में पता चला है कि अकेलापन आंशिक रूप से आनुवांशिक कारणों की वजह से होता है। पत्रिका ‘जर्नल न्यूरोसाइकोफार्माकोलाजी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अकेलापन का आनुवांशिक खतरा तंत्रिका रोग से जुड़ा होता है। लंबे समय तक नकारात्मक भावनाओं की वजह से और अवसाद के लक्षणों से इसका संबंध है।

FOOD-DEPARTMENT loneliness-may-be-genetic

अमेरिका के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर, प्रमुख शोधकर्ता अब्राहम पालमर ने कहा, “दो लोगों के एक समान संख्या में करीबी दोस्तों और परिवार में एक के लिए सामाजिक संरचना सही दिखती है जबकि दूसरे के लिए नहीं।”

पालमर ने कहा, “हमारा मतलब है ‘अकेलेपन की आनुवांशिक गड़बड़ी से है।’ हम जानना चाहते हैं कि क्यों, समान हालात में आनुवांशिक रूप से एक जैसा आदमी दूसरे से ज्यादा अकेला महसूस करता है?”

अपने नवीनतम शोध में पालमर और उनके दल ने 10,760 लोगों के आनुवांशिक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का अध्ययन किया। इन लोगों की आयु 50 या इससे ज्यादा रही। शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेलापन इनके पूरे जीवन काल में रहा। यह कभी-कभी परिस्थितियों की वजह से और 14 से 27 प्रतिशत एक आनुवांशिक वजह से भी रही।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अकेलापन तंत्रिका रोग और अवसाद वाले लक्षणों के साथ अगली पीढ़ी में चला जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि अकेलापन महसूस करना आंशिक तौर पर आनुवांशिक है, लेकिन इसमें आसपास का वातावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Related posts

सायटिका की बीमारी से ऐसे पाएं छुटकारा, भूलकर भी ना करें ये चीजे

mohini kushwaha

गर्मियों में आंखों को ऐसे दें ठंडक का एहसास

kumari ashu

इस तरह बनाए कोकोनट मिल्क फेस पैक, स्किन पर आएगा बेहतरीन ग्लो

Rahul