उल्का पिंड के खतरों को लेकर वैज्ञानिक अकसर जानकारी देते रहते हैं। जिसकी वजह से लोगों में उल्का पिंड को जानने की उत्सुकता बहुत बढ़ गई है। एक बार फिर से उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने की खबर सामने आयी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि, एक बेहद खतरनाक उल्का पिंड पृथ्वी से टकराने से टकराते टकराते रह गया है।
दो न पहले ही एक कार के बराबर का उल्का पिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजरा। जिसे देखा नहीं जा सका। यहां अब तक का सबसे करीब से पृथ्वी के पास से निकला हुआ उल्का पिंड था। एस्टेरोयड ट्रैकर्स और इटली में सोरमानो एस्ट्रोनोमिकल ओबसेरवेटरी ने इसकी जानकारी दी।उन्होंने कहा, इसके आकार की वजह से लोगों को कोई खतरा नहीं रहा लेकिन करीब से गुजरना चिंताजनक है, क्योंकि खगोलविदों को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि इसके गुजरने के बाद तक क्षुद्रग्रह मौजूद है।
नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के निदेशक पॉल चोडास ने बताया, ‘क्षुद्रग्रह ने सूरज की दिशा से अनिर्धारित संपर्क किया । “हमने इसे आते हुए नहीं देखा।” कैलिफोर्निया में पालोमर ऑबजरवेटरी ने इसके गुजरने के लगभग छह घंटे बाद सबसे पहले अंतरिक्ष चट्टान का पता लगाया। चोडास ने घटना की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रकृति की पुष्टि की। रविवार को सुबह 4 बजे यूनिवर्सल टाइम के ठीक बाद दक्षिणी गोलार्ध में स्पेस रॉक ने उड़ान भरी थी।
एनीमेशन 2020 क्यूजी अंटार्कटिका के पास दक्षिणी महासागर के ऊपर से उड़ता हुआ दिखा। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के लघु ग्रह केंद्र ने थोड़ा अलग प्रक्षेपवक्र की गणना की। इस क्षुद्रग्रह ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में सैकड़ों मील दूर प्रशांत महासागर के ऊपर से उड़ान भरी थी।
पर्ड्यू विश्वविद्यालय और इंपीरियल कॉलेज लंदन से “इंपैक्ट अर्थ” सिम्युलेटर के अनुसार, टेलिस्कोप के अवलोकन से पता चलता है कि, यह एक छोटी कार के आकार के बराबर था।
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लेकिन इसने पृथ्वी को किसी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।