भारत खबर || नई दिल्ली
यदि आप अपने जीवन से जुड़े ग्रहों Planets और नक्षत्र Asterism के अंतर बारे में बात करते हैं तो, आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि नक्षत्र और ग्रहों में क्या अंतर है। हमारे पौराणिक साहित्य में तथा प्राचीन ऋषि-मुनियों ने व वैदिक ज्योतिषियों ने नक्षत्र और ग्रहों Asterism and Planets पर विशेष रूप से गंभीर चिंतन-मंथन कर इनके बीच के अंतर की व्याख्या की है।
भारतवर्ष में वैदिक साहित्य की कैसी पराकाष्ठा विद्वान है जिसके कारण भारत विश्व गुरु के नाम से जाना जाता है। यह भी माना जाता है कि गणित, अंतरिक्ष व ज्योतिष विज्ञान की खोज हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने ही की थी। वह सबसे पहले यह विद्या भारतवर्ष में ही पाई गई। ………. आइए जाने नक्षत्र और ग्रहों Asterism and Planets क्या हैं और इनमें क्या अंतर है?
नक्षत्र Asterism
भारतवर्ष में अनेकों कलाओं की पराकाष्ठा विद्वान है। हमारे भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र हमारे सौरमंडल का एक समूह तारा है। और इन तारामंडलों ने हमारे सौरमंडल को 360 डिग्री अंशु में घिरा हुआ है। जिसे प्राचीन ज्योतिषियों ने नक्षत्र के नाम से व्याख्यानवित किया। ज्योतिषियों के अनुसार एक तारामंडल की कुल संख्या 27 मानी जाती है और इसी के साथ-साथ इसके अनेकों स्वरूपों की भी ज्योतिषियों ने कल्पना की है।
ग्रह Planets
हमारे सौरमंडल में अर्थात हमारी आकाशगंगा में असंख्य ग्रह उपग्रह विद्वान हैं। इसके अलावा हमारे सौरमंडल में और भी पृथ्वी के स्वरूप अनेकों खगोलीय पिंड हैं। जो विभिन्न गैसों के प्रभाव के द्वारा धूल के कणों से निर्मित होते हैं। इन्हीं खगोलीय पिंडों को ज्योतिषियों की भाषा में ग्रहों के नाम से व्याख्यानवित किया गया है। बताते चलें कि गृह शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा में ग्रा ग्रसित धातु से हुई। जिसका शाब्दिक अर्थ ग्रहण करना आदि होता है।
नक्षत्र और ग्रहों Asterism and Planets में अंतर
ज्योतिषी के अनुसार अनेकों आकाशगंगाओं के समूह को नक्षत्र व असंख्य पिंडों के समूह को ग्रह कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार नक्षत्र भारतीय पंचांग की एक इकाई है। जिनकी गणना क्रमशः तिथि ,वार , नक्षत्र, योग , और कारण के साथ की जाती है। नक्षत्र हमारे सौरमंडल की परिधि से सदैव बाहर रहते हैं व पिंड सौरमंडल में विद्वान रहते हैं।