featured धर्म

Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

radha 2 Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

 

आज देशभर में राधा अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधाअष्टमी के रूप में श्रीराधाजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

यह भी पढ़े

 

Dumka Death Case: दुमका में फिर नाबालिग लड़की की रेप के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाजी का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि 3 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आरंभ हुई। वहीं इस तिथि का समापन 4 सितंबर,रविवार को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का पर्व 4 सितंबर को मनाया जाएगा।

7052108 untitled design 4 Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

 

राधाजी का जन्म

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राधाजी भी श्रीकृष्ण की तरह ही अनादि और अजन्मी हैं। वे बृज में वृषभानु वैश्य की कन्या हुईं।श्री राधा का जन्म गोकुल के पास स्थित रावल नामक गाँव में हुआ था। उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ बल्कि माता कीर्ति ने अपने गर्भ में ‘वायु’को धारण कर रखा था और योगमाया की प्रेरणा से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया। लेकिन वायु के जन्म के साथ ही वहां राधा,कन्या के रूप में प्रकट हो गईं इसलिए श्रीराधा रानी को देवी अयोनिजा कहा जाता है।बाद में वह अपने पिता बृषभानु और माता कीर्ति के साथ बरसाने में जाकर रहने लगीं। यह भी कहा गया है कि ब्रह्म ने जब श्री कृष्ण का रूप धारण किया तो भगवान् के श्री अंग से उनकी महाशक्ति स्वरूपा श्री राधा का आविर्भाव हुआ बारह वर्ष बीतने पर उनके माता-पिता ने ‘रायाण’ वैश्य के साथ उनका सम्बन्ध निश्चित कर दिया। उस समय श्री राधा घर में अपनी छाया को स्थापित करके स्वयं अंतर्धयान हो गईं।पदम् पुराण में श्री राधा को आद्यप्रकृति का कृष्णप्रिया रूप कहा गया है।

radha 2 Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

राधाजी की महिमा

स्वयं श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं राधा नाम लेने वाले के पीछे चल देता हूँ ।अतः परमेश्वर श्री कृष्ण इनके अधीन रहते हैं। शास्त्रों ने राधाजी के दिव्य और आलौकिक स्वरुप का वर्णन करते हुए कहा है कि जैसे श्री कृष्ण त्रिगुण माया और विकास रुपी प्रकृति से परे ब्रह्मरूप हैं,वैसे ही श्री राधा प्रकृति से दूर ब्रह्मस्वरूपा हैं।श्री कृष्ण के आनंद कंद रूप का कारण श्री राधा हैं।कार्तिक की पूर्णिमा को गोलोक के रासमण्डल में श्री कृष्ण ने राधाजी का पूजन किया। उत्तम रत्नों की गुटिका में राधा-कवच रखकर गोपों सहित श्री कृष्ण ने उसे अपने कंठ और दाहिनी बांह में धारण किया। भक्तिभाव से उनका ध्यान और स्तवन कर राधा के चबाए ताम्बूल को लेकर स्वयं ने खाया।

radha 1 Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

पूजा करने की विधि

इस दिन व्रत रखकर राधाजी के विग्रह को पंचामृत से स्न्नान करवाकर उनको सुन्दर वस्त्र और आभूषण धारण करवाकर उनकी आरती करें। श्री राधामन्त्र ‘ॐ राधायै स्वाहा ‘ का जाप करना चाहिए। राधाजी श्री लक्ष्मी का ही स्वरुप हैं अतः इनकी पूजा से धन-धान्य व ऐश्वर्य प्राप्त होता है । राधा नाम के जाप से श्री कृष्ण की कृपा शीघ्र प्राप्त हो जाती है।

radha ras leela Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी आज, चारों तरफ राधा जन्मोत्सव की धूम

Related posts

पके आम के शौकीनों सावधान! प्रयागराज में चल रहा खतरनाक खेल

Shailendra Singh

‘इसरो’ ने अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली की श्रृंखला में योग्य होने के लिए मुख्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया

mahesh yadav

विधानसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ाने आज जयपुर पहुंचेंगे अमित शाह,चार कार्यक्रमों में होंगे शामिल

rituraj